Thursday 18 August 2016

गुरु कभी साथ नहीं छोड़ते .......

जब आप जीवन में विपरीततम परिस्थितियों से घिर जाओ, कहीं आशा की किरण दिखाई न दे, चारों ओर अंधकार ही अंधकार हो तब आपके गुरु या इष्ट देव ही हैं जो आप का साथ नहीं छोड़ते| बाकि सारी दुनिया आपका साथ छोड़ दे पर गुरु और इष्ट देव कभी आप का साथ नहीं छोड़ सकते| आप ही उन्हें भुला सकते हो पर वे नहीं|
उनसे मित्रता बनाकर रखो| वे इस जन्म से पूर्व भी आपके साथ थे और इसके बाद भी आपके साथ रहेंगे| उनका साथ शाश्वत है| उनकी सत्ता सूक्ष्म जगत में भी है और वे आपके आगे के भी सभी जन्मों में आपके साथ रहेंगे| यह आप के ऊपर है की आप उन्हें अनुभूत कर पाओ या नहीं|
अपनी सारी पीडाएं, सारे दु:ख, सारे कष्ट उन्हें सौंप दो| वे ही हैं जो आपके माध्यम से दुखी हैं| वे ही कष्ट बन कर आये हैं, और वे ही समाधान बन कर आयेंगे|
उन्हें मत भूलो, वे भी आपको नहीं भूलेंगे| निरंतर उनका स्मरण करो| जब भूल जाओ तब याद आते ही फिर उन्हें स्मरण करना आरम्भ कर दो| आपके सुख दुःख सभी में वे आपके साथ रहेंगे|
अपने ह्रदय का समस्त प्रेम उन्हें बिना किसी शर्त के दो| यह उन्हीं का प्रेम था जो आप को माँ बाप के माध्यम से मिला| यह उन्हीं का प्रेम था जो आपको भाई, बहिनों, सगे सम्बन्धियों और मित्रों व अपरिचितों के माध्यम से मिला| उन्ही के प्रेम से आपको वह शक्ति मिली जिससे आप वर्त्तमान में जो कुछ भी हैं|
वह कौन है जो आपके ह्रदय में धड़क रहा है? वह कौन है जो आपकी देह में सांस ले रहा है? वह कौन है जो आपकी आँखों से देख रहा है? वह कौन है जिससे आपके देह की समस्त क्रियाएँ संपन्न हो रही है? वह कौन है जिसने आपको सोचने समझने की शक्ति दी है? यह वह आपका मित्र ही है जिसने स्वयम को छिपा रखा है पर हर समय आपके साथ है| हमेशा उसे सचेतन अपने साथ रखो|
ॐ तत्सत्|

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