Tuesday, 7 October 2025

शरद पूर्णिमा मंगलमय हो॥

 शरद पूर्णिमा मंगलमय हो॥

८ और ९ वर्ष की आयु में बालक भगवान श्रीकृष्ण ने सारी लीलाएँ कीं। उसके बाद तो वे गुरुकुल में चले गये थे। इस रात्रि को उन्होंने महारास किया था जिसमें सभी गोपिकाओं को लगा कि वे उन्हीं के साथ हैं। यह उनकी अंतिम लीला थी।
इस समय मेरे चैतन्य में केवल श्रीकृष्ण हैं। बड़ी कठिनता से ये पंक्तियाँ लिखी हैं।
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पुनश्च: --- भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी सारी लीलाएं आठ और नौ वर्ष की आयु में की थीं। नौ वर्ष पूरे होते ही तो उन्हें संदीपनी गुरुकुल में पढ़ने के लिए भेज दिया गया था। एक आठ और नौ वर्ष के बालक में कोई कामुकता नहीं होती। उनके बारे में अधर्मियों द्वारा फैलाई गयी सारी बातें प्रलाप मात्र हैं।
६ अक्तूबर २०२५

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