Sunday, 14 September 2025

साधना तो शक्तिरूपा माँ भगवती स्वयं कर रही हैं ---

 साधना तो शक्तिरूपा माँ भगवती स्वयं कर रही हैं ---

.
साधना तो शक्तिरूपा माँ भगवती स्वयं कर रही हैं, प्राण-तत्व के रूप में| जिनकी साधना वे कर रही हैं, वे आकाश-तत्व से भी परे परमशिव हैं| वे ही विष्णु हैं, वे ही नारायण हैं, और वे ही परमब्रह्म हैं|
फिर हम कौन हैं? हम उनकी विराट अनंतता हैं, यह भौतिक देह नहीं| कर्ताभाव से मुक्त हों| परमात्मा की अनंतता में स्थिर रहो, लक्ष्य हमारा परमशिव है, कर्ता तो जगन्माता हैं| वे ही साधक हैं, हम नहीं| हम तो निमित्त मात्र हैं| जैसे जैसे समर्पण में पूर्णता आयेगी, यह बात भी समझ में आने लगेगी|
.
अपने सच्चिदानंद रूप में स्थित हो जाना ही मोक्ष है| परब्रह्म ही जीव और जगत् के सभी रूपों में व्यक्त है| वही जीवरूप में भोक्ता है और वही जगत रूप में भोग्य| जीवन में हम एक-दूसरे के रूप में स्वयं से ही मिलते रहते हैं| हम सब जो में व्यक्त है, वही परमात्मा है| हम उन के साथ एक हैं| ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
सितंबर १४, २०२०

No comments:

Post a Comment