किसी भी व्यक्ति, समाज, व देश के पतन का मुख्य कारण -- "तमोगुण" की प्रधानता है। "रजोगुण" की प्रधानता से सांसारिक उन्नति होती है, और सतोगुण की प्रधानता से आध्यात्मिक उन्नति।
.
ज्ञानयोग व भक्तियोग को वे ही समझ सकते हैं, जिनमें सतोगुण प्रधान होता है। ऐसे ही कर्मयोग को वे ही समझ सकते जिनमें रजोगुण प्रधान होता है। जो इन सब गुणों से परे होता है वह जीवनमुक्त होता है। यह सब हमारी जन्म-जन्मांतरों की साधना पर निर्भर है कि हमारे में कौन सा गुण प्रधान रहेगा।
ॐ तत्सत्
३ जुलाई २०२२
No comments:
Post a Comment