Friday, 27 June 2025

जिसका कभी जन्म ही नहीं हुआ उस परमशिव का ध्यान जीवन-मृत्यु से परे ले जाता है ---

 जिसका कभी जन्म ही नहीं हुआ उस परमशिव का ध्यान जीवन-मृत्यु से परे ले जाता है ---

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भगवान ने हमें रात्रि सहित एक पूरे दिन में २४ घंटों का समय दिया है| कम से कम उसका आठवाँ भाग यानि तीन घंटे तो हमें प्रतिदिन निष्काम भाव से उनके ध्यान में बिताने ही चाहियें| यह हम न भूलें कि हमारे ह्रदय में जब तक वे धड़क रहे हैं तभी तक का जीवन है| जिस क्षण वे धड़कना बंद कर देंगे उसके बाद हमारा कुछ भी नहीं रहेगा और एक अज्ञात में जाने को हम बाध्य हो जायेंगे| उस अज्ञात में भी कोई शाश्वत साथी तो होगा ही| वे शाश्वत साथी परमात्मा ही हैं| अभी से उन का साथ हो जाए तो कितना अच्छा हो !
ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
कृपा शंकर
२८ जून २०१७

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