Friday, 27 June 2025

ज्ञान प्राप्ति के लिए श्रौत्रीय और ब्रहमनिष्ठ सद्गुरू के पास जाना चाहिये ---

 ज्ञान प्राप्ति के लिए श्रौत्रीय और ब्रहमनिष्ठ सद्गुरू के पास जाना चाहिये ---

वेद वाक्य सर्वोच्च और अंतिम प्रमाण हैं। श्रुति भगवती स्पष्ट कहती है कि ज्ञान प्राप्ति के लिए श्रौत्रीय और ब्रहमनिष्ठ सद्गुरू के पास जाना चाहिए| अर्थात जो ब्रहमनिष्ठ और श्रौत्रीय है वही सदगुरु हो सकता है|.....
तद्विज्ञानार्थं स गुरुमेवाभिगच्छेत् समित्पाणिः श्रोत्रियं ब्रह्मनिष्ठम्॥ [ - मुण्डक उपनिषद् 1.2.12].
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गुरु शब्द का अर्थ गुरुगीता में इस प्रकार दिया है .....
"गुकारश्चान्धकारो हि रुकारस्तेज उच्यते| अज्ञानग्रासकं ब्रह्म गुरुरेव न संशयः||
गुकारश्चान्धकारस्तु रुकारस्तन्निरोधकृत्| अन्धकारविनाशित्वात् गुरुरित्यभिधीयते"
गुकारश्च गुणातीतो रूपातीतो रुकारकः| गुणरूपविहीनत्वात् गुरुरित्यभिधीयते||
गुकारः प्रथमो वर्णो मायादि गुणभासकः| रुकारोऽस्ति परं ब्रह्म मायाभ्रान्तिविमोचकम्||"
२८ जून २०२०

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