Monday, 2 December 2024

परमात्मा की दिव्य चेतना में स्थित होने के लिए ---

 परमात्मा की दिव्य चेतना में स्थित होने के लिए ---

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प्रातःकाल ब्रह्ममुहूर्त में इस तरह उठो जैसे जगन्माता की गोद में सोया हुआ एक शिशु उठ रहा है। उठते ही भ्रूमध्य में सर्वव्यापी कूटस्थ ज्योतिर्मय ब्रह्म का ध्यान करते हुये अपनी चेतना को सम्पूर्ण ब्रह्मांड में फैला दो, और संकल्प करो कि -- "मैं सर्वव्यापी, अनंत, विराट, और प्रेममय परमात्मा के साथ एक हूँ। मैं हर तरह से स्वस्थ और सम्पन्न हूँ। जो वे (परमात्मा) हैं, वो ही मैं हूँ।"
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थोड़ा उष:पान करो और शंकादि से निवृत होकर पुनश्च: एक घंटे के लिए ध्यान के आसन पर बैठ जाओ, और कूटस्थ सूर्यमण्डल में पुरुषोत्तम का ध्यान करो। पूरे दिन परमात्मा को अपने ध्यान में रखो। रात्री को सोने से पूर्व -- परमात्मा का पुनश्च: ध्यान करो और बड़ी शान से जगन्माता की गोद में इस तरह सो जाओ जैसे एक शिशु अपनी माँ की गोद में सोता है।
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कुछ ही दिनों की श्रद्धा, विश्वास और सत्यनिष्ठा से की गई साधना के उपरांत आप पर भगवान की कृपा होगी, जिस से आप स्वयं को परमात्मा के साथ एक पाएंगे। आपके जीवन में आनंद ही आनंद और मंगल ही मंगल होगा।
ॐ तत्सत् !! ॐ स्वस्ति !! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२ दिसंबर २०२२

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