विश्व की वर्तमान सभ्यता कभी भी नष्ट की जा सकती है ---
.
इस समय पूरे विश्व की संचार व्यवस्था (Communication), और नौकानयन (Navigation) (वायुयानों, जलयानों व भूमि-वाहनों का) उपग्रहों के माध्यम से संचालित हैं। यदि युद्ध की स्थिति में इन उपग्रहों को नष्ट कर दिया जाये तो पूरे विश्व में हमारी वर्तमान सभ्यता एक बार तो पूरी तरह विफल हो जाएगी। गुप्तचरी (जासूसी) के लिए भी इन उपग्रहों का उपयोग होता है। बिना उपग्रहों की सहायता के इस समय कोई भी युद्ध नहीं लड़ा जा सकता।
.
वर्तमान में विश्व की जो विषम स्थिति है उसका कारण पश्चिमी जगत में ड्रग्स के नशे का बहुत अधिक प्रचलन है। कुछ गिने-चुने लोगों को छोड़कर पूरा अमेरिका और यूरोप नशे और सेक्स का आदि हो चुका है। इस कारण उनमें विवेक नहीं रहा है। अमेरिका का वर्तमान राष्ट्रपति लगता है "गहन राज्य" (Deep State) का दास हो चुका है, जिसकी डोर पूर्व राष्ट्रपति बरकत हुसैन ओबामा, वर्तमान उपराष्ट्रपति कमाला हैरिस और उद्योगपति जॉर्ज सौरेस के हाथ में है। "गहन राज्य" एक गोपनीय आसुरी व्यवस्था है जो पूरे विश्व को अपने नियंत्रण में रखना चाहती है है। अमेरिका में ऐसी कम से कम कम छह परम गुप्त संस्थाएं हैं जो पूरे विश्व को अपने नियंत्रण में लेना चाहती हैं। पहले गहन-राज्य का संचालन वेटिकन, लंदन और वाशिंगटन डी.सी. से होता था। इस समय वाशिंगटन डी.सी. से हो रहा है। वर्तमान राष्ट्रपति बाइडेन का बड़ा बेटा हंटर बाइडेन पूरी दुनिया के अफीम और कोकीन के तस्करों का बादशाह है। बाइडेन का छोटा बेटा तो नौसेना में अधिकारी था जो अधिक कोकीन खाने से मर गया। बड़ा बेटा भी कोकीन का अभ्यस्त है।
.
यूक्रेन और रूस के मध्य जो युद्ध चल रहा है, उसके पीछे हंटर बाइडेन का कुटिल दिमाग है। इन का उद्देश्य रूस के संसाधनों की लूट था (अगला निशाना भारत था)। पहले इन्होंने तुर्की के माध्यम से यूक्रेन में बहुत अधिक नशीले पदार्थों की तस्करी की, और अति विशिष्ट लोगों के एक समूह को नशे का आदि बनाया। फिर फिल्मों के माध्यम से एक विदूषक झेलेंस्की में भावी नेता की छवि बनाई गयी। फिर पैसों के ज़ोर से ऐसी परिस्थिति उत्पन्न की गयी कि वहाँ की चुनी हुई सरकार के राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को देश छोड़कर भागकर रूस में शरण लेनी पड़ी, अन्यथा उसकी हत्या हो जाती। फिर अमेरिका और ब्रिटेन की सहायता से "ओजोव बटालियन" नामक एक जातिवादी संगठन बनाकर रूसी भाषी लोगों की हत्या की जाने लगी। ऐसे जैविक अस्त्रों का निर्माण करने के लिए प्रयोग शालाएँ बनाई गईं कि पूरे रूसी भाषी लोगों को नष्ट किया जा सके। रूस को फिर बाध्य होकर यह युद्ध आरंभ करना पड़ा।
.
अब संक्षेप में अंतिम बात क्रीमिया प्रायदीप की करता हूँ। वहाँ अनेक देशों का शासन रहा लेकिन अंत में मंगोल मूल के तातार मुसलमानों के तुर्क कबीलों ने उस पर अधिकार कर बाकी सब को मार दिया या भगा दिया। ये तातार मुसलमान सल्तनत-ए-उस्मानिया (Ottoman Empire) के आधीन थे। रूसी तानाशाह स्टालिन (जो वास्तव में रूसी नहीं, जोरजियन था) ने पूरे क्रीमिया पर अधिकार कर उसे रूस में मिला लिया। इसके विरोध में तुर्की, ब्रिटेन और फ्रांस ने मिल कर क्रीमिया पर आक्रमण भी किया लेकिन रूस को हरा नहीं पाये। क्रीमिया का युद्ध व्यर्थ में ही लड़ा गया था। स्टालिन ने लगभग सारे तातार मुसलमानों को क्रीमिया से हटाकर रूस की मुख्य भूमि में बसा दिया और उनको तातारिस्तान नाम का एक पृथक गणराज्य भी दे दिया। यूक्रेन के दो-तीन विद्वान तातार मुसलमान परिवारों से मेरी मित्रता भी थी। उन्होंने ही वहाँ का और पूरे मध्य एशिया का इतिहास मुझे बताया था।
क्रीमिया में लगभग 90% आबादी रूसी भाषी लोग हैं, 6% यूक्रेनी हैं, और 4% तातार मुसलमान हैं। सोवियत संघ के समय वहाँ के राष्ट्रपति खृश्चेव यूक्रेनी थे जिन्होंने क्रीमिया यूक्रेन को दे दिया था। जब रूसी लोगों की हत्याएँ की जाने लगीं तब क्रीमिया की संसद ने एक प्रस्ताव पास कर स्वयं को रूस का भाग घोषित कर दिया।
.
अब राष्ट्रपति बाइडेन का शासन 20 जनवरी 2025 तक का है। वे पृथ्वी के पूरे उत्तरी गोलार्ध को युद्ध की आग में झोंकना चाहते हैं। भारत में भी पंजाब के मार्ग से बहुत अधिक अफीम की तस्करी कर भारत को भी नष्ट करना चाहते थे। लेकिन भगवान की कृपा से भारत की रक्षा हो गई।
देखिये क्या होता है। पता नहीं परमात्मा की क्या इच्छा है?
ॐ तत्सत् !!
25 नवंबर 2024
No comments:
Post a Comment