ठेके से सारे अंतिम संस्कार --
.
आजकल परिवार के सदस्यों में मनमुटाव, संबंधियों व मित्रों की कमी, बच्चों के विदेशों या दिसावरों में जाकर बसने, एकाँकी जीवन, आदि के समय में यदि कोई मर जाये तो अंतिम संस्कार करने के लिए आदमी नहीं मिलते। पहले पड़ोसी व गाँव के लोग आ जाते थे। आजकल कोई नहीं आना चाहता। ऐसे समय में अंतिम संस्कार ठेके पर करने के व्यवसाय आरंभ हो रहे हैं। कोई मर जाये तो उस ठेके वाली कंपनी की फीस जमा करा दो, कंपनी के आदमी आकर अंतिम संस्कार कर देंगे। पिंडदान और श्राद्ध भी On line आरंभ हो जाएँगे। मरने से पहले Advance booking भी कर सकेंगे अपने अंतिम संस्कार की ताकि स्वयं के मृत देह की दुर्गति न हो। अधिक समय नहीं लगेगा। अगले आठ-दस वर्षों में यह सामान्य बात हो जाएगी। आजकल लाश को कंधा देने वाले भी नहीं मिलते। उसके लिए तो शव वाहिनियों का प्रचलन लगभग सभी नगरों में हो चुका है।
.
अपने जीवित रहते रहते ही अपना स्वयं का पिंडदान और श्राद्ध कर जाओ। आजकल की नई पीढ़ी से यह आशा मत रखो कि वे आपका पिंडदान या श्राद्ध करेंगे।
१८ नवंबर २०२२
No comments:
Post a Comment