पश्चिमी (ईसाई) देशों के पहिनावे में महिलाओं को कम से कम वस्त्र क्यों पहिनाये जाते हैं, और पुरुषों को खूब अधिक? .
मैंने कई पश्चिमी (ईसाई) देशों में खूब भ्रमण किया है, अतः उन की मानसिकता को खूब अच्छी तरह से समझता हूँ। कई पादरियों से और प्रोटेस्टेंट सिस्टरों से मेरी मित्रता भी थी, और उनसे खूब संवाद भी हुआ है।
पश्चिमी देशों की संस्कृति में महिलाओं का कभी भी सम्मान नहीं था, उन्हें सिर्फ उपभोग की वस्तु समझा जाता रहा है। अब भी महिलाओं का विशेष सम्मान नहीं है।
कम से कम शब्दों में लिखे गई इतनी सी बात ही बहुत है। अधिक और लिखने की आवश्यकता नहीं है।
१८ नवंबर २०२२
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