Sunday, 15 January 2023

प्रेम और सदाचार क्या है? ---

 प्रेम और सदाचार क्या है? ---

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हमारा प्रेम परमात्मा की उपस्थिति है। हम प्रेममय हो सकते हैं, लेकिन किसी को प्रेम नहीं कर सकते। हम कौन हैं कर्ता? कर्ता तो सिर्फ और सिर्फ परमात्मा हैं। किसी को प्रेम करने का अधिकार सिर्फ परमात्मा को है। जैसे भगवान मार्तंड भुवन-भास्कर सूर्य अपना प्रकाश बिना किसी शर्त सब को देते हैं, वैसे ही हमारा प्रेम पूरी समष्टि को प्राप्त है। युद्ध भूमि में शत्रु का संहार भी हम प्रेम से ही करें, किसी तरह का क्रोध या घृणा उस समय हम में नहीं हो।
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परमात्मा में निरंतर रमण ही सद् आचरण यानि सदाचार है। जिसमें हमारी आत्मा निरंतर रमण कर सके उसका निज जीवन में आविर्भाव ही सदाचार है।
जो परमात्मा में निरंतर रमण करते हैं उन्हें किसी उपदेश की आवश्यकता नहीं है। उनके मुँह से जो निकल जाता है वही उपदेश है।
ॐ तत्सत् !!
१३ जनवरी २०२३

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