Wednesday 11 July 2018

स्थिर होकर सुख से बैठने का अभ्यास .....

स्थिर होकर सुख से बैठने का अभ्यास .....
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इतना अभ्यास तो हमें करना चाहिए कि हम कम से कम ढाई से तीन घंटे तक बिना हिले-डुले सुख से एक ही आसन में बैठ सकें| यह विशेषता मैंने सभी साधू-संतों-महात्माओं में देखी है जिनसे मैं अब तक मिला हूँ| वे अपने साधन पर जब बैठते हैं तो उनका शरीर स्थिर रहता है, कोई किसी भी तरह की अनावश्यक हलचल उनके शरीर में नहीं होती| यह अभ्यास से ही संभव है| स्थिर होकर बैठने के अभ्यास के बाद ही कोई उपासना हो सकती है, अन्यथा कभी नहीं|

ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
१० जुलाई २०१८

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