Sunday, 7 May 2017

"खान" शब्द की उत्पत्ति .......

"खान" शब्द की उत्पत्ति .......
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कुछ विद्वानों के अनुसार "खान" शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के "कान्ह" शब्द से हुई है जो भगवान श्रीकृष्ण का ही एक नाम था| भगवान श्रीकृष्ण के देवलोक गमन के बाद भी सैंकड़ों वर्षों तक पूरे विश्व में उनकी उपासना की जाती थी| प्राचीन संस्कृत साहित्य में जिस शिव भक्त "किरात" जाति का उल्लेख है, वह "मंगोल" जाति ही है| उन में "कान्ह" शब्द बहुत सामान्य था जो अपभ्रंस होकर "हान" हो गया| चीन के बड़े बड़े सामंत स्वयं के नाम के साथ "हान" की उपाधी लगाते थे| यही "हान" शब्द और भी अपभ्रंस होकर "खान" हो गया| प्रसिद्ध इतिहासकार श्री पुरुषोत्तम नागेश ओक का भी यही मत था|
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मंगोलिया के महा नायक चंगेज़ खान का वास्तविक नाम मंगोल भाषा में "गंगेश हान" था| यह उसका हिन्दू नाम था और वह किसी देवी का उपासक था| बाद में उसके वंश में कुबलई खान ने बौद्ध मत स्वीकार किया और बौद्ध मत का प्रचार किया| कुबलई खान के समय ही चीनी लिपि का अविष्कार हुआ| कुबलाई खान का राज्य उत्तर में साईबेरिया की बाइकाल झील से दक्षिण में विएतनाम तक, और पूर्व में कोरिया से पश्चिम में कश्यप सागर तक था| पिछले एक हज़ार में हुआ वह इस पृथ्वी के सबसे बड़े भूभाग का शासक था| उसने तिब्बत में प्रथम दलाई लामा की नियुक्ति की| पर उसकी एक भूल से उसके साथ ही मंगोल साम्राज्य का पतन भी हो गया था| (कुबलई शब्द कैवल्य का अपभ्रंस लगता हैै). रूसी भाषा में चीन को "किताई" कहते हैं, और वहाँ के प्राचीन साहित्य में मंगोलों के लिए किरात शब्द का प्रयोग हुआ है|
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जिन विद्वानों को "खान" शब्द की उत्पत्ति की प्रामाणिक जानकारी है कृपया अवगत कराने की कृपा करें| धन्यवाद |

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