भारत का गौरवशाली इतिहास हमें क्यों नहीं पढ़ाया जाता ?
भारत के महान शासकों के बारे में हमें क्यों नहीं बताया जाता ?
क्या विदेशी लुटेरों का झूठा प्रशस्तिगान ही भारत का इतिहास है ?
यह कैसा षडयंत्र है ?
-----------------------------------------------------------------------
भारत का इतिहास गौरवशाली है| भारत ने पराधीनता को कभी भी पूर्ण रूप से स्वीकार नहीं किया था| सदा विदेशी लुटेरों का प्रतिकार किया| मराठों का इतिहास, विजयनगर साम्राज्य और अन्य भी अनेक महान क्षेत्रीय शासकों और योद्धाओं का इतिहास अत्यधिक गौरवशाली था जिनके बारे में हमें नहीं पढ़ाया जाता|
.
लगता है भारत का इतिहास भारत के शत्रुओं ने लिखा है|
हमें यह पढ़ाया गया है कि अंग्रेजों के आने से पहिले भारत भारत नहीं था, भारत को एक किया तो अंग्रेजों ने ही किया| यह एक बहुत बड़ा झूठ है|
.
समुद्रगुप्त के बारे में तो बच्चों को बिलकुल नहीं पढ़ाया जाता जिसका साम्राज्य पूर्व में आसाम और ब्रह्मदेश से लेकर पश्चिम में वर्तमान ईरान के भीतर तक, और उत्तर में सम्पूर्ण हिमालय से लेकर दक्षिण में श्रीलंका तक था|
समुद्र्गुप्त भारत का महान शासक था जिसने अपने जीवन काल मे कभी भी पराजय का स्वाद नही चखा| सारे भारत को उसने अपने पराक्रम से एक सूत्र में बाँध रखा था| पूरी पृथ्वी पर उसका कोई विरोधी नहीं था| उसकी कीर्ति चारों ओर फ़ैली हुई थी|
.
वह वैदिक धर्म का अनुयायी था| उसने अनेक तीर्थों का पुनरुद्धार किया, अनेक अश्वमेध यज्ञ किए और ब्राह्मणों दीनों, अनाथों को अपार दान दिया| वह सत्संग का प्रेमी था| माँ सरस्वती और लक्ष्मी की उस पर अपार कृपा थी| ऐसा कोई भी सद्गुण नहीं है जो उसमें न रहा हो| उसकी नीति थी साधुता का उदय हो तथा असाधुता कर नाश हो| उसका हृदय इतना मृदुल था कि प्रणतिमात्र से पिघल जाता था| उसने लाखों गायों का दान किया था| अपनी कुशाग्र बुद्धि और संगीत कला के ज्ञान तथा प्रयोग से उसने ऐसें उत्कृष्ट काव्य का सर्जन किया था कि लोग 'कविराज' कहकर उसका सम्मान करते थे| उसने अपने आधीन सिंहल द्वीप (श्रीलंका) के राजा मेघवर्ण को बोधगया में बौद्धविहार बनाने की अनुमति देकर अपनी महती उदारता का परिचय दिया था|
.
अन्य भी अनेक महान शासक, योद्धा और वीर पुरुष भारत में हुए हैं जिनके बारे में हमें नहीं पढ़ाया जाता| कभी ना कभी वह दिन अवश्य आयेगा जब हमें अपने सही इतिहास का ज्ञान होगा हमें अपने राष्ट्र और संस्कृति पर गर्व होगा, तभी भारत अपने परम वैभव को पुनश्चः प्राप्त करेगा|
.
साधुता का उदय हो, असाधुता कर नाश हो| भारत माता की जय हो|
ॐ नमःशिवाय | हर हर महादेव | जय श्रीराम | ॐ ॐ ॐ ||
No comments:
Post a Comment