आजकल दूसरों पर दोषारोपण करने के लिए दो बहाने बहुत सामान्य हैं >>>
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(१) परमात्मा पर दोषारोपण .....
अपनी हर विफलता के लिए हम दोष भगवान को देते हैं, अपने प्रारब्ध कर्मों को नहीं| हर दुःख, कष्ट और विफलता के लिए कहते हैं कि जैसी भगवान की इच्छा, या फिर हमने तो किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा था, पर हमारे साथ भगवान ने यह अन्याय और बुरा क्यों किया? हम कभी स्वयं के कर्मों को दोष नहीं देते| हमारी गलती तो यही है कि हमने पिछले जन्मों में मोक्ष के या मुक्ति के कोई उपाय नहीं किये थे इसलिए बापस इस संसार में जन्म लेना पड़ा| हम सुखी या दुखी हैं तो सिर्फ अपने ही कर्मों के कारण, अन्य किसी का कोई दोष नहीं है| इस दुःख भरे संसार से अपनी मुक्ति के लिए अच्छे कर्म करें और आध्यात्मिक उपासना करें| यह संसार जहाँ भोगभूमि है, वहीं कर्मभूमि भी है| हमारी एकमात्र गलती यही है कि हमने इस संसार में अपने कर्मों के फल भोगने के लिए जन्म लिया है, और कोई गलती नहीं है|
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(२) नरेन्द्र मोदी पर दोषारोपण ...
हर बात के लिए आजकल नरेन्द्र मोदी पर दोष डाल दिया जाता है, जैसे पिछले ७० वर्षों से भारत पर उनका ही शासन रहा है| भारत के समाचार माध्यम बहुत अधिक घटिया और बिके हुए हैं| सैंकड़ों में से बस एक या दो ही अपवाद हैं| अधिकाँश राजनेता भी अत्यधिक कुटिल और असत्यवादी हैं| यही हाल सामाजिक व धार्मिक नेताओं का है| वे सब भारत की हर बुराई के लिए आँख मीचकर सारा दोष नरेन्द्र मोदी पर ही डालते हैं| गत वर्ष वाराणसी में एक मठ के एक अति प्रसिद्ध स्वामीजी अपने अनुयायियों के साथ गंगा में मूर्ति विसर्जित करने के लिए धरने पर बैठे थे| आधी रात को पुलिस ने उन पर लाठी चार्ज कर दिया और उनके अनुयायी साधुओं, बटुकों और भक्तों को बहुत बुरी तरह लाठियों से पीटा| यह राज्य की क़ानून-व्यवस्था का मामला था, पुलिस भी राज्य की थी और आदेश देने वाला मजिस्ट्रेट भी राज्य सरकार का था| इतनी मार खाकर भी उन स्वामीजी ने सारा दोष नरेन्द्र मोदी को दिया कि नरेन्द्र मोदी के राज्य में साधुओं पर इतना अत्याचार होता है| राज्य का शासक नरेन्द्र मोदी नहीं बल्कि अखिलेश यादव था जिसके विरूद्ध बोलने का साहस स्वामीजी में नहीं हुआ| आजकल उत्तर प्रदेश के चुनावों में भी सारे नेता अपनी विफलताओं के लिए नरेन्द्र मोदी पर दोषारोपण कर रहे हैं, जैसे अब तक इतने वर्षों से नरेन्द्र मोदी का ही राज्य रहा हो|
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दुःख-सुख, हानि-लाभ, यश-अपयश, जन्म-मृत्यु आदि सब अपने ही कर्मों के कारण है, किसी अन्य के कारण नहीं| अतः भूल से भी दूसरों पर दोषारोपण ना करें|
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आप सब को मेरा सादर प्रणाम, आशीर्वाद और शुभ कामनाएँ|
ॐ नमः शिवाय | ॐ ॐ ॐ ||
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(१) परमात्मा पर दोषारोपण .....
अपनी हर विफलता के लिए हम दोष भगवान को देते हैं, अपने प्रारब्ध कर्मों को नहीं| हर दुःख, कष्ट और विफलता के लिए कहते हैं कि जैसी भगवान की इच्छा, या फिर हमने तो किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा था, पर हमारे साथ भगवान ने यह अन्याय और बुरा क्यों किया? हम कभी स्वयं के कर्मों को दोष नहीं देते| हमारी गलती तो यही है कि हमने पिछले जन्मों में मोक्ष के या मुक्ति के कोई उपाय नहीं किये थे इसलिए बापस इस संसार में जन्म लेना पड़ा| हम सुखी या दुखी हैं तो सिर्फ अपने ही कर्मों के कारण, अन्य किसी का कोई दोष नहीं है| इस दुःख भरे संसार से अपनी मुक्ति के लिए अच्छे कर्म करें और आध्यात्मिक उपासना करें| यह संसार जहाँ भोगभूमि है, वहीं कर्मभूमि भी है| हमारी एकमात्र गलती यही है कि हमने इस संसार में अपने कर्मों के फल भोगने के लिए जन्म लिया है, और कोई गलती नहीं है|
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(२) नरेन्द्र मोदी पर दोषारोपण ...
हर बात के लिए आजकल नरेन्द्र मोदी पर दोष डाल दिया जाता है, जैसे पिछले ७० वर्षों से भारत पर उनका ही शासन रहा है| भारत के समाचार माध्यम बहुत अधिक घटिया और बिके हुए हैं| सैंकड़ों में से बस एक या दो ही अपवाद हैं| अधिकाँश राजनेता भी अत्यधिक कुटिल और असत्यवादी हैं| यही हाल सामाजिक व धार्मिक नेताओं का है| वे सब भारत की हर बुराई के लिए आँख मीचकर सारा दोष नरेन्द्र मोदी पर ही डालते हैं| गत वर्ष वाराणसी में एक मठ के एक अति प्रसिद्ध स्वामीजी अपने अनुयायियों के साथ गंगा में मूर्ति विसर्जित करने के लिए धरने पर बैठे थे| आधी रात को पुलिस ने उन पर लाठी चार्ज कर दिया और उनके अनुयायी साधुओं, बटुकों और भक्तों को बहुत बुरी तरह लाठियों से पीटा| यह राज्य की क़ानून-व्यवस्था का मामला था, पुलिस भी राज्य की थी और आदेश देने वाला मजिस्ट्रेट भी राज्य सरकार का था| इतनी मार खाकर भी उन स्वामीजी ने सारा दोष नरेन्द्र मोदी को दिया कि नरेन्द्र मोदी के राज्य में साधुओं पर इतना अत्याचार होता है| राज्य का शासक नरेन्द्र मोदी नहीं बल्कि अखिलेश यादव था जिसके विरूद्ध बोलने का साहस स्वामीजी में नहीं हुआ| आजकल उत्तर प्रदेश के चुनावों में भी सारे नेता अपनी विफलताओं के लिए नरेन्द्र मोदी पर दोषारोपण कर रहे हैं, जैसे अब तक इतने वर्षों से नरेन्द्र मोदी का ही राज्य रहा हो|
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दुःख-सुख, हानि-लाभ, यश-अपयश, जन्म-मृत्यु आदि सब अपने ही कर्मों के कारण है, किसी अन्य के कारण नहीं| अतः भूल से भी दूसरों पर दोषारोपण ना करें|
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आप सब को मेरा सादर प्रणाम, आशीर्वाद और शुभ कामनाएँ|
ॐ नमः शिवाय | ॐ ॐ ॐ ||
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