Friday, 17 February 2017

सारे दुखों और कष्टों का कारण .....

दूसरों की तो मैं क्या कह सकता हूँ, सिर्फ स्वयं की ही बात कह सकता हूँ|
सारे दुखों और कष्टों का कारण है ......
>>> "गुण गोविन्द गायो नहीं कियो न हरि को ध्यान" <<< ....
यदि अब तक के जन्मों में हरि का ध्यान किया होता और गोविन्द के गुण गाये होते तो यह जन्म भी क्यों होता? अब भी समय है| हे मन, संभल जा| इस देह को क्या चाहिए? दो रोटी जो कहीं से भी मिल सकती है| वृक्षों के फल और नदियों के जल पर तो किसी का एकाधिकार नहीं है| तुझे चाहिए दिन रात निरंतर हरि का ध्यान कर| उसी में सार है, बाकी सब निःसार है|
 .
गुण गोविन्द गायो नहीं, जनम अकारथ कीन |
कहे नानक हरी भज मना, जा विध जल की मीन ||
 .
ॐ ॐ ॐ |

No comments:

Post a Comment