मैं अपनी कमियों के लिए किसी अन्य पर दोषारोपण नहीं कर सकता .....
----------------------------------------------------------------------------
अपनी कमियों के लिए मैं स्वयं जिम्मेदार हूँ| पिछले जन्मों में आत्मज्ञान की प्राप्ति नहीं की, परमात्मा का साक्षात्कार नहीं किया, यही मेरा सबसे बड़ा दोष है| मैनें अपने प्रारब्ध कर्मों का फल भोगने के लिए ही यह जन्म लिया है| आत्मज्ञान की प्राप्ति नहीं की, इसी महा दोष के कारण बाकी कई दोष भी अपने आप ही जुड़ गए हैं|
मैंने जन्म लिया है यही मेरा सबसे बड़ा अपराध है| पूर्वजन्मों के कर्मों के कारण यदि मेरा जन्म नहीं होता तो मुझे इस जन्म में कष्ट नहीं उठाने पड़ते| परमात्मा से वियोग ही सबसे बड़ा कष्ट है, जो अन्य कष्टों को जन्म देता है| सभी प्रकार के संचित कर्मों से मुक्त होना ही है, परमात्मा को पूर्ण समर्पण करना ही है|
मार्ग प्रशस्त है| कोई संदेह या शंका नहीं है| भगवान परम शिव की परम कृपा है|
"परमात्मा के लिए असीम प्रेम" ही एकमात्र सार है, बाकी सब इसी का विस्तार है| जैसे मछली जल के बिना नहीं रह सकती वैसे ही मानव का जीवन परमात्मा के बिना मृत्यु है|
ॐ नमः शिवाय | ॐ ॐ ॐ ||
----------------------------------------------------------------------------
अपनी कमियों के लिए मैं स्वयं जिम्मेदार हूँ| पिछले जन्मों में आत्मज्ञान की प्राप्ति नहीं की, परमात्मा का साक्षात्कार नहीं किया, यही मेरा सबसे बड़ा दोष है| मैनें अपने प्रारब्ध कर्मों का फल भोगने के लिए ही यह जन्म लिया है| आत्मज्ञान की प्राप्ति नहीं की, इसी महा दोष के कारण बाकी कई दोष भी अपने आप ही जुड़ गए हैं|
मैंने जन्म लिया है यही मेरा सबसे बड़ा अपराध है| पूर्वजन्मों के कर्मों के कारण यदि मेरा जन्म नहीं होता तो मुझे इस जन्म में कष्ट नहीं उठाने पड़ते| परमात्मा से वियोग ही सबसे बड़ा कष्ट है, जो अन्य कष्टों को जन्म देता है| सभी प्रकार के संचित कर्मों से मुक्त होना ही है, परमात्मा को पूर्ण समर्पण करना ही है|
मार्ग प्रशस्त है| कोई संदेह या शंका नहीं है| भगवान परम शिव की परम कृपा है|
"परमात्मा के लिए असीम प्रेम" ही एकमात्र सार है, बाकी सब इसी का विस्तार है| जैसे मछली जल के बिना नहीं रह सकती वैसे ही मानव का जीवन परमात्मा के बिना मृत्यु है|
ॐ नमः शिवाय | ॐ ॐ ॐ ||
No comments:
Post a Comment