Saturday, 21 January 2017

सारा श्रेय परमात्मा को है .....

मेरे माध्यम से जो भी विचार व्यक्त होते हैं उनका श्रेय परमात्मा को, सद्गुरुओं और संतों को जाता है जिन की मुझ पर अपार कृपा है| इसमें मेरी कोई महिमा नहीं है| मेरे में न तो कोई लिखने की सामर्थ्य है न ही मुझे कुछ आता जाता है| ये मेरी कोई बौद्धिक सम्पदा नहीं हैं| सब परमात्मा के अनुग्रह का फल है| मुझे उनसे भी प्रसन्नता है जो इन्हें शेयर करते हैं, और उनसे भी प्रसन्नता है जो इन्हें कॉपी पेस्ट कर के अहंकारवश अपने नाम से पोस्ट करते हैं| मेरी ईश्वर लाभ के अतिरिक्त अन्य कोई कामना नहीं है पर यह एक संकल्प प्रभु ने मुझे अवश्य दिया है कि सनातन धर्म की पुनर्प्रतिष्ठा हो, और भारत माँ अपने द्वीगुणित परम वैभव के साथ अखंडता के सिंहासन पर बिराजमान हो|
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मुझे मेरी वैदिक संस्कृति, सनातन धर्म व परम्परा, गंगादि नदियाँ, हिमालयादि पर्वत, वन और उन सब लोगों से प्रेम है जो निरंतर परमात्मा का चिन्तन करते हैं और परमात्मा का ही स्वप्न देखते हैं| यह मेरा ही नहीं अनेक मनीषियों का संकल्प है जिसे जगन्माता अवश्यमेव पूर्ण करेगी| मैं उन सब का सेवक हूँ जिन के ह्रदय में परमात्मा को पाने की एक प्रचंड अग्नि जल रही है, जो निरंतर प्रभु प्रेम में मग्न हैं| उन के श्रीचरणों की धूल मेरे माथे की शोभा है| अन्य मेरी कोई किसी से अपेक्षा नहीं है|
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सब के ह्रदय में प्रभुप्रेम जागृत हो और आपको जीवन में पूर्णता प्राप्त हो|
आप सबको शुभ कामनाएँ| सादर प्रणाम|
ॐ श्रीगुरवे नमः |.ॐ नमो भगवते वासुदेवाय | ॐ नमः शिवाय ! ॐ ॐ ॐ ||
कृपा शंकर

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