दुनियाँ पर तीन बड़े असुर राज्य कर रहे हैं, उनके साथ अन्य भी अनेक असुर हैं ...........
---------------------------------------------------------------------------------------
जी हाँ, यह बिलकुल सत्य है| इस समय पृथ्वी पर बहुत दीर्घ काल से तीन बड़े असुरों का राज्य है और ये तीनों असुर मानसिक धरातल पर से इस भौतिक धरा पर राज्य कर रहे हैं|
इन असुरों ने पूरी पृथ्वी पर असत्य और अन्धकार फैला रखा है| बहुत कम लोग हैं जो इनकी सत्ता से स्वयं को सुरक्षित रख पा रहे हैं|
.
मैं जो लिख रहा हूँ यह कोई खाली बैठे की बेगार या कोई गपोड़ नहीं है, बल्कि वास्तविकता है जिसकी अनुभूति मैंने स्वयं अनेक बार की है, और अनेक बार करता हूँ| इस धरा पर सिर्फ हम लोग ही नहीं हैं, सूक्ष्म जगत की असंख्य अच्छी और बुरी आत्माएं भी हैं जो हमारे ऊपर निरंतर प्रभाव डालती हैं| हमें वे अपना उपकरण बनाकर अपनी वासनाओं की पूर्ति भी करती हैं| हमें बुरी आत्माओं का उपकरण बनने से बचना चाहिए और सिर्फ परमात्मा को ही निज जीवन में अवतरित कर परमात्मा का ही उपकरण बनना चाहिए| तभी हम अपनी रक्षा कर सकते हैं|
.
(1) पहिला असुर है ..... जो मनुष्य को लोभी, लालची और स्वार्थी बनाता है|
(2) दूसरा असुर है ..... जो मनुष्य को काम वासना में धकेलता है|
(3) तीसरा असुर है ..... जो सारी स्वार्थ और अहंकार की राजनीति करता है|
---------------------------------------------------------------------------------------
जी हाँ, यह बिलकुल सत्य है| इस समय पृथ्वी पर बहुत दीर्घ काल से तीन बड़े असुरों का राज्य है और ये तीनों असुर मानसिक धरातल पर से इस भौतिक धरा पर राज्य कर रहे हैं|
इन असुरों ने पूरी पृथ्वी पर असत्य और अन्धकार फैला रखा है| बहुत कम लोग हैं जो इनकी सत्ता से स्वयं को सुरक्षित रख पा रहे हैं|
.
मैं जो लिख रहा हूँ यह कोई खाली बैठे की बेगार या कोई गपोड़ नहीं है, बल्कि वास्तविकता है जिसकी अनुभूति मैंने स्वयं अनेक बार की है, और अनेक बार करता हूँ| इस धरा पर सिर्फ हम लोग ही नहीं हैं, सूक्ष्म जगत की असंख्य अच्छी और बुरी आत्माएं भी हैं जो हमारे ऊपर निरंतर प्रभाव डालती हैं| हमें वे अपना उपकरण बनाकर अपनी वासनाओं की पूर्ति भी करती हैं| हमें बुरी आत्माओं का उपकरण बनने से बचना चाहिए और सिर्फ परमात्मा को ही निज जीवन में अवतरित कर परमात्मा का ही उपकरण बनना चाहिए| तभी हम अपनी रक्षा कर सकते हैं|
.
(1) पहिला असुर है ..... जो मनुष्य को लोभी, लालची और स्वार्थी बनाता है|
(2) दूसरा असुर है ..... जो मनुष्य को काम वासना में धकेलता है|
(3) तीसरा असुर है ..... जो सारी स्वार्थ और अहंकार की राजनीति करता है|
ये मानसिक धरातल पर से ही अपने ऊपर आक्रमण करते हैं और हमें अपना गुलाम
बना लेते हैं| कभी न कभी जब हम स्वयं को इनके प्रति खोलते हैं तभी ये हमारे
ऊपर अधिकार कर पाते हैं|
.
(4) पिछले बीस-तीस वर्षों से एक और बड़े असुर ने भारत में जन्म ले लिया है और वह है .....
राक्षसी पत्रकारिता का असुर जो आजकल झूठी और सनसनीखेज खबरों, दुराग्रहपूर्ण समाचारों, और अधर्म का प्रचार कर भ्रम फैला रहा है|
.
ये सब असुर और राक्षस ही हैं जो वर्त्तमान में "असहिष्णुता" और "खून खराबे" की बातें कर रहे हैं| इनका एकमात्र उद्देश्य सत्ता प्राप्त करना ही है| ये देवत्व को नष्ट करना चाहते हैं| इनमें से कोई सा असुर जब मरता है तो तुरंत कोई दूसरा उसका स्थान ले लेता है|
.
इनसे निपटने का एक ही मार्ग है और वह है ........ हम परमात्मा के प्रति खुलें और परमात्मा को भक्ति द्वारा अपने जीवन में प्रवाहित होने दें, और हर कदम पर इन आसुरी शक्तियों का विरोध करें|
.
सबको शुभ कामनाएँ| ॐ तत्सत् | ॐ शिव ! ॐ ॐ ॐ ||
.
(4) पिछले बीस-तीस वर्षों से एक और बड़े असुर ने भारत में जन्म ले लिया है और वह है .....
राक्षसी पत्रकारिता का असुर जो आजकल झूठी और सनसनीखेज खबरों, दुराग्रहपूर्ण समाचारों, और अधर्म का प्रचार कर भ्रम फैला रहा है|
.
ये सब असुर और राक्षस ही हैं जो वर्त्तमान में "असहिष्णुता" और "खून खराबे" की बातें कर रहे हैं| इनका एकमात्र उद्देश्य सत्ता प्राप्त करना ही है| ये देवत्व को नष्ट करना चाहते हैं| इनमें से कोई सा असुर जब मरता है तो तुरंत कोई दूसरा उसका स्थान ले लेता है|
.
इनसे निपटने का एक ही मार्ग है और वह है ........ हम परमात्मा के प्रति खुलें और परमात्मा को भक्ति द्वारा अपने जीवन में प्रवाहित होने दें, और हर कदम पर इन आसुरी शक्तियों का विरोध करें|
.
सबको शुभ कामनाएँ| ॐ तत्सत् | ॐ शिव ! ॐ ॐ ॐ ||
No comments:
Post a Comment