Saturday, 26 November 2016

प्रत्येक व्यक्ति का स्वरूप साक्षात शिव है .....
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समस्त अस्तित्व शिवमय है| शिव से परे कुछ भी नहीं है| शिव आदि तत्त्व और अपरिभाष्य हैं| यह ब्रह्माण्ड शिव का ही साकार स्वरूप है| हम सब शिव में ही रमण करें, शिव का ही ध्यान करें और अंत में शिव में ही लय हो जाएँ|
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सिर्फ परमात्मा शिव ही हमारे हैं, वे ही हमारे शाश्वत साथी हैं, इस जन्म से पूर्व भी वे ही हमारे साथ थे और मृत्यु के उपरांत भी वे ही रहेंगे| उनका साथ शाश्वत है| हमारे अस्तित्व भी वे ही हैं| एक वे ही हैं, उनसे परे अन्य कोई नहीं है|
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आप सब के शिवत्व को प्रणाम करता हूँ| ॐ ॐ ॐ ||

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