Tuesday, 10 May 2022

भारत की एकमात्र समस्या अधर्माचारण है, अन्य कोई समस्या नहीं है ---

भारत की एकमात्र समस्या अधर्माचारण (राष्ट्रीय चरित्र का अभाव, यानि भ्रष्ट-आचरण - भ्रष्टाचार) है। अन्य कोई समस्या नहीं है।

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धर्म की पुनर्स्थापना तो भगवान का काम है, हम तो यथासंभव सिर्फ धर्माचरण ही कर सकते हैं। मनुष्य सिर्फ अपनी मृत्यु से ही डरता है, अन्य किसी भी चीज से नहीं। महात्मा लोग कहते हैं कि मनुष्य की योनि में जन्म मिलना बड़ा दुर्लभ है। लेकिन लगता है यह अब बड़ा सुलभ हो गया है। पशु-पक्षियों की संख्या तो बहुत कम हो गई है, और मनुष्यों की बढ़ गई है। आजकल कोई भी पशु मरता है, लगता है वह सीधा मनुष्य ही बन जाता है।
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हम असहाय हैं, कुछ भी नहीं कर सकते। सिर्फ अपने निज जीवन में भगवान को व्यक्त करने की भक्ति ही कर सकते हैं। यह सृष्टि भगवान की है, हमारी नहीं। यदि भगवान चाहते हैं कि पृथ्वी पर अधर्म बढ़े तो बढ़ेगा ही। जैसी उनकी इच्छा। उनकी इच्छा हमें नष्ट करने की है तो कोई उन्हें रोक भी नहीं सकता। इस संसार से मेरी कोई अपेक्षा नहीं रही है।
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जब तक आत्म-हीनता के बोध से मुक्त होकर आत्म-गौरव की भावना से हम ओतप्रोत नहीं होंगे, तब तक कुछ भी नहीं हो सकता। परमात्मा की चेतना ही हमारा उद्धार कर सकती है। धन्यवाद और नमन !!
कृपा शंकर
७ मई २०२२

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