Sunday, 22 May 2022

पाकिस्तान का फिलिस्तीन से प्रेम का नाटक एक ढोंग है ---

 पाकिस्तान का फिलिस्तीन से प्रेम का नाटक एक ढोंग है ---

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पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जिया-उल-हक़ ने पकिस्तानी फौज के साथ १६ सितंबर १९७० को जब वे ब्रिगेडियर के रूप में जोर्डन में नियुक्त थे, जोर्डन के राजा किंग हुसैन के आदेश से दस-हजार से पच्चीस हजार के बीच फिलिस्तीनी मुसलमानों की हत्या की थी। इसके लिए किंग हुसैन ने उन्हें जोर्डन का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान भी दिया था।
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फिलिस्तीनी नेता यासर अराफ़ात अपने समय का सबसे बड़ा ढोंगी और दुष्ट था जिसने उस समय कसम खाई थी कि वह कभी पाकिस्तान नहीं जाएगा। लेकिन इस घटना के बाद तीन बार पाकिस्तान गया। तत्कालीन भारत सरकार से नेहरू शांति पुरस्कार, और करोड़ों रुपए, व मुफ्त में एक बोइंग हवाई जहाज ठग कर भी, कश्मीर के मामले में सदा पाकिस्तान का साथ दिया। भारत पर उस समय एक असत्य का अंधकार छाया हुआ था, जो ऐसे दुष्टों का साथ दिया। भारत ने फिलिस्तीन के विद्यार्थियों को भारत में निःशुल्क अध्ययन, निवास और भोजन की व्यवस्था भी कर रखी थी।
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वर्तमान में स्थिति यह है कि अरब देश फिलिस्तीनियों को कोई भाव नहीं देते। उनको अपने से दूर खड़ा कर के ही बात करते हैं। उन को सब तरह की आर्थिक सहायता भी बंद कर दी है। लगभग सारे अरब देश - ईरान के विरुद्ध और इज़राइल से समीप हैं।
२२ मई २०२१

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