Monday 14 February 2022

फ़ेसबुक पर अनेक संत-महात्माओं और विद्वानों से परिचय और मित्रता हुई है ---

 फ़ेसबुक को तो मैं कभी भी नहीं छोड़ूँगा, क्योंकि फ़ेसबुक पर ही अनेक संत-महात्माओं और विद्वानों से परिचय और मित्रता हुई, जिसे मैं भगवान का आशीर्वाद मानता हूँ। भक्त तो इतने अधिक मिले हैं कि उनकी सूची बहुत अधिक लंबी हो जाएगी, इसलिए उनके नाम नहीं लिख रहा।

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विद्वानों में तीन ऐसे मनीषी हैं जिनसे मैं बहुत प्रभावित हुआ हूँ। वे हैं -- दंडी स्वामी मृगेंद्र सरस्वती (सर्वज्ञ शङ्करेन्द्र), श्री अरुण कुमार उपाध्याय, और वैष्णवाचार्य सियारामदास नैयायिक। वैदिक विद्वान, साहित्यकार और गणितज्ञ श्री अरुण उपाध्याय तो चलते फिरते पुस्तकालय हैं, जिन्हें पूर्व जन्मों की स्पष्ट स्मृतियाँ हैं। दंडी स्वामी मृगेंद्र सरस्वती (सर्वज्ञ शङ्करेन्द्र) विशुद्ध वेदांती सिद्ध सन्यासी हैं, जिनके पास बैठने मात्र से ही वेदान्त का ज्ञान स्वयमेव प्रस्फुटित होने लगता है। वैष्णवाचार्य सियारामदास नैयायिक जी दर्शन शास्त्रों के परम विद्वान हैं।
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अनेक बहुत अच्छे अच्छे भक्तों से परिचय और मित्रता हुई है। इतिहासकार प्रो.रामेश्वर मिश्रा के विचार बड़े क्रांतिकारी हैं, जिन्होंने मुझे बहुत प्रभावित किया है। प्रयागराज के स्वर्गीय पंडित मिथिलेश द्विवेदी जी मुझसे बहुत प्रेम रखते थे। अपनी स्वरचित दो साहित्यिक कृतियाँ भी उन्होंने मुझे भेजी थीं, जो वास्तव में बहुत अच्छी हैं।
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फ़ेसबुक के सभी मित्रों को मैं नमन करता हूँ। आप सब ने मुझे जो सम्मान और प्रेम दिया है, उसके लिए मैं आप सब का सदा आभारी रहूँगा।
ॐ नमो नारायण !! जय जय श्रीसीताराम !! जय जय श्रीराधे !! नमस्ते !!
१३ फरवरी २०२२

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