Tuesday, 23 October 2018

सबरीमाला के भगवान अय्यपा के मंदिर की आस्थाहीन नास्तिकों से रक्षा करो, और पूरे भारत में हिन्दू मंदिरों की सरकारी लूट बंद हो .....

सबरीमाला के भगवान अय्यपा के मंदिर की आस्थाहीन नास्तिकों से रक्षा करो, और पूरे भारत में हिन्दू मंदिरों की सरकारी लूट बंद हो .....
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भगवान शिव और विष्णु के मिश्रित बालरूप अय्यप्पा का मंदिर दक्षिण भारत का सबसे अधिक लोकप्रिय मंदिर है जिसकी पवित्रता को भंग करने पर केरल की नास्तिक मार्क्सवादी सरकार, जिहादी और क्रूसेडरी शक्तियाँ लगी हुई हैं| अपने इस कुत्सित उद्देश्य में उन्होंने भारत के उच्चतम न्यायालय को भी सम्मिलित कर लिया है| अय्यप्पा का विग्रह आजीवन बाल ब्रह्मचारी का है अतः एक विशेष आयुवर्ग की महिलायें मंदिर के भीतर प्रवेश नहीं करतीं| इस शताब्दियों से प्रचलित प्रथा से किसी भी श्रद्धालु हिन्दू महिला को कोई शिकायत नहीं है| मंदिर में जाने वाले श्रद्धालु दर्शन करने से पूर्व ४१ दिनों तक की एक तपस्या करते हैं, जिसमें वे भूमि पर सोते हैं, ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं और शाकाहारी भोजन करते हैं|
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मार्क्सवादियों के आराध्य देव कार्ल मार्क्स, लेनिन, स्टालिन, फ्रेडरिक एंगेल्स, माओ, फिदेल कास्त्रो, चे ग्वेरा, आदि हैं| ये मार्क्सवादी उन्हीं आस्थाविहीन नास्तिकों के चश्मों से हिन्दुओं की आस्था को मापते हैं, और इन्होनें नास्तिक आस्थाहीनों को मंदिर के पदाधिकारियों के रूप में नियुक्त कर रखा है|
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स्वतन्त्रता के समय से ही पूरे भारत के सारे प्रमुख हिन्दू मंदिर अधर्मसापेक्ष (धर्मनिरपेक्ष) सरकारों के आधीन है, और जो धन सिर्फ हिन्दू धर्म के प्रचार-प्रसार में लगना चाहिए वह अल्पसंख्यक तुष्टिकरण में खर्च होता है| यह हिन्दुओं का दुर्भाग्य है| भारत की सभी धर्मनिरपेक्ष सरकारों ने ईसाई अंग्रेजों के अंग्रेज़ी चश्में से हिन्दुओं की आस्था का आंकलन किया है|
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केरल की मार्क्सवादी सरकार ने भारी पुलिस संरक्षण में विधर्मी महिलाओं को महिला स्वतन्त्रता के नाम पर मंदिर में घुसा कर मंदिर की पवित्रता भंग करने का पूरा प्रयास किया है जिसे हजारों श्रद्धालु हिन्दू महिलाओं ने अपनी जान पर खेल कर विफल कर दिया| वयोवुद्ध श्रद्धालु महिलाओं पर बहुत अधिक अत्याचार हुआ है|
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भगवान हमारी सहायता करे|
कृपा शंकर
२२ अक्टूबर २०१८

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