हमारी वास्तविक व्यवहारिक आध्यात्मिक पूंजी परमात्मा को समर्पित "तप" है| यही हमारी असली कमाई है| अन्य बड़ी बड़ी झूठी दार्शनिक बातों में कुछ नहीं रखा है| परमात्मा स्वयं हमारे माध्यम से सांस ले रहे हैं, वे ही हमारा जीवन जी रहे हैं| कितना समय हमने उनके ध्यान में व्यतीत किया है, कितने समय तक हमने उनके पवित्र नाम का जप किया है, कितना हमने उनका स्मरण किया है, यह हमारे राम नाम के खाते में जुड़ कर राम नाम की बैंक में स्वतः ही जमा हो जाता है| इसे हम से कोई छीन नहीं सकता, इसकी कोई चोरी भी नहीं हो सकती| यह शरीर छूटने के पश्चात यही पूंजी काम आयेगी| अन्य कुछ भी काम नहीं आयेगा| यह धन बढ़ाएं, इसकी खूब कमाई करें|
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दूसरों की कमाई हमारे काम नहीं आ सकती| दूसरा कोई अपनी कमाई हमें क्यों देगा? हमारा खुद का कमाया ही काम आयेगा| अतः किसी के पीछे पीछे भागने में कोई सार नहीं है| अपनी कमाई खुद ही करें|
वह धन "राम" नाम की ही पूंजी है.
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दूसरों की कमाई हमारे काम नहीं आ सकती| दूसरा कोई अपनी कमाई हमें क्यों देगा? हमारा खुद का कमाया ही काम आयेगा| अतः किसी के पीछे पीछे भागने में कोई सार नहीं है| अपनी कमाई खुद ही करें|
वह धन "राम" नाम की ही पूंजी है.
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