Monday 27 August 2018

"शैतान" कोई झूठी परिकल्पना नहीं, एक वास्तविकता है .....

"शैतान" कोई झूठी परिकल्पना नहीं, एक वास्तविकता है .....
परमात्मा की सृष्टि में "शैतान" एक सर्वव्यापी सचेतन मायावी आसुरी शक्ति है जो हमें निरंतर पतन की ओर धकेलती है| यह सर्वप्रथम "काम वासना" के रूप में, फिर "लोभ" के रूप में, फिर "राग-द्वेष" और "अहंकार" के रूप में स्वयं को व्यक्त करती है| भगवान् की कृपा ही हमें इस से बचा सकती है|
जो माया हमें सत्य यानि परमात्मा से दूर रखती है, उसे ही इब्राहिमी मज़हबों (ईसाईयत, इस्लाम और यहूदीवाद) ने "शैतान" का नाम दिया है| अब हम उसे समझें या न समझें यह हमारी स्वयं की समस्या है| ॐ ॐ ॐ ||

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