Tuesday 19 June 2018

गुरु अर्जुनदेव जी सहित सभी दसों गुरुओं को नमन .....

गुरू अर्जुन देव (१५ अप्रेल १५६३ -- ३० मई १६०६) एक ब्रह्मज्ञानी महापुरुष थे| उनकी सबसे बड़ी देन गुरुग्रंथ साहिब में ३६ महान संतों की वाणियों का संकलन है| ये वाणियाँ तीस रागों में हैं जिनका संकलन रागों के हिसाब से किया गया है| सर्वाधिक वाणी उन्हीं की है| यह उनकी महान विद्वता और अंतर्ज्ञान को दिखाता है|

उनका जीवन परम त्यागमय आदर्श से भरपूर है जिसका अध्ययन सभी को करना चाहिए| गुरु नानकदेव जी से गुरु गोविन्दसिंह जी तक से सभी दसों गुरुओं की जीवनी का अध्ययन मैनें कई बार किया है जिस से जीवन में बहुत प्रेरणा मिली है| सभी गुरुओं को नमन !

आज अनायास ही गुरु अर्जुन देव जी से सम्बंधित एक लेख पढने के बाद ये पंक्तियाँ स्वतः ही लिखी गईं| सभी गुरुओं की जय हो !

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