Saturday, 17 March 2018

हमारे जीवन का लक्ष्य .....

हमारे जीवन का लक्ष्य ..... परमात्मा के प्रति परम प्रेम की अभिव्यक्ति, उसे जानने व पाने की अभीप्सा, उसके प्रति समर्पण और सद् आचरण हो| हम सब ने यह जन्म इसीलिए लिया है कि हम इस जगत को प्रभु के शाश्वत प्रेम और प्रकाश से भर दें व प्रभु को इस धरा पर ले आएँ| हम सब अपने निज जीवन में प्रभु को अवतरित कर इसे दिव्य जीवन में रुपान्तरित करें, यही हमारा धर्म है|
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"जहाँ है श्रद्धा वहाँ है प्रेम, जहाँ है प्रेम वहीं विराजते हैं परमात्मा; और जहाँ विराजते हैं परमात्मा, वहाँ किसी अन्य की आवश्यकता ही नहीं है|
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जय जननी ! जय भारत ! जय श्री राम ! ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!

कृपा शंकर
१८ मार्च २०१८

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