Saturday, 17 March 2018

भारत का पुनरोत्थान .....

भारत का पुनरोत्थान .....
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भारत का पुनरोत्थान, एक महान आध्यात्मिक शक्ति के द्वारा एक दिव्य चेतना के अवतरण से होगा| भारत की प्राचीन कृषि व्यवस्था, और प्राचीन शिक्षा व्यवस्था की भी पुनर्स्थापना होगी| भारत माँ अपने द्वीगुणित परम वैभव के साथ अखण्डता के सिंहासन पर भी पुनश्चः बैठेगी| आसुरी शक्तियों का उन्मूलन होगा और सत्य का प्रकाश भारत में छाये असत्य और अन्धकार को मिटा देगा|
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सनातन धर्म ही भारत का भविष्य है| सनातन धर्म ही भारत की राजनीति है| भारत का भविष्य ही सम्पूर्ण सृष्टि का भविष्य है| सनातन धर्म का आधार है ..... परमात्मा के प्रति परम प्रेम की अभिव्यक्ति, उसे जानने व पाने की अभीप्सा, उसके प्रति समर्पण और 'धर्म' का आचरण| यही भारतवर्ष का प्राण है|
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श्रीअरविन्द के शब्दों में -----
"उस कार्य को करने के लिए ही हमने जन्म किया ग्रहण,
कि जगत को उठा प्रभु तक ले जाएँ, उस शाश्वत प्रकाश में पहुँचाएँ,
और प्रभु को उतार जगत पर ले आएँ, इसलिए हम भू पर आये
कि इस पार्थिव जीवन को दिव्य जीवन में कर दें रुपान्तरित |"

"जहाँ है श्रद्धा वहाँ है प्रेम, जहाँ है प्रेम वहीं है शांति|
जहाँ होती है शांति, वहीँ विराजते हैं ईश्वर|
और
जहाँ विराजते हैं ईश्वर, वहाँ किसी की आवश्यकता ही नहीं|"
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जय जननी जय भारत ! जय श्री राम ! ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
१८ मार्च २०१४

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