Saturday 17 March 2018

राजस्थान में शेखावाटी मारवाड़ का अति प्रसिद्ध होली नृत्य 'गींदड़' .....

राजस्थान में शेखावाटी मारवाड़ का अति प्रसिद्ध होली नृत्य 'गींदड़' .....
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होली के त्यौहार पर कई दिनों पहिले से ही खम्बा रोप कर उसके चारों ओर नगाड़े की एक विशेष ताल पर पूरी रात सिर्फ लड़कों द्वारा ही किया जाने वाला प्रसिद्ध गीन्दड़ नृत्य अब भूतकाल कि स्मृति बनता जा रहा है| इस नृत्य में लडके गोल घेरे में घूमते हुए नृत्य करते हैं| यह बहुत कुछ गुजरात के डांडिया से मिलता है, पर इसमें सिर्फ पुरुष ही नाचते हैं, महिलाएँ नहीं|
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इस नृत्य के मुख्य वाद्य यंत्र नगाड़ा, डफ व चंग हैं| नगाड़े की चोट पर पुरुष अपने दोनों हाथों के डंडों को परस्पर टकराते हुए नृत्य करते हैं| साथ साथ डफ और चंग कि लयबद्ध ताल के साथ होली के गीत गाये जाते हैं| कई तरह के स्वांग भी रचे जाते हैं| यह नृत्य समाज की एकता का सूत्रधार है|
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मंडावा, बिसाऊ, लक्ष्मणगढ़ और रामगढ़ कस्बों के उत्साही युवाओं ने इस नृत्य को जीवित रखने के लिए अपनी टोलियाँ बना रखी हैं जिनको पूरे भारत में बसे हुए मारवाड़ी सेठों से भी प्रोत्साहन मिलता रहता है| रामगढ़ शेखावाटी के पं.किशोरीलाल पंचलंगिया जी शेखावाटी मारवाड़ की नृत्य व संगीत कला के सबसे प्रसिद्ध लोक कलाकार और विशेषज्ञ हैं| मारवाड़ी/राजस्थानी गीतों की सबसे प्रसिद्ध गायिका सुश्री सीमा मिश्रा उन्हीं की शिष्या है| रामगढ की 'गींदड़' नृत्य मंडली भी सबसे अधिक प्रसिद्ध है|
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पूरे भारत में शेखावाटी का मारवाड़ी समाज फैला हुआ है जिन्होंने अपनी भाषा, संस्कृति, रीति-रिवाज़ व् परम्पराओं को जीवित रखा है| शेखावाटी मारवाड़ की भूमि वीरभूमि है| उद्द्यमशीलता, भक्ति और वीरता यहाँ के कण कण में है| जय जननी, जय भारत ! ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
१८ मार्च २०१६

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