Wednesday 14 March 2018

अपने विचारों के प्रति सजग रहें .....

अपने विचारों के प्रति सजग रहें .....
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अपने विचारों के प्रति सजग रहें, क्योंकि हमारे विचार ही हमारे कर्म हैं जो अवश्य फलीभूत होते हैं| यह संसार हमारे विचारों का ही घनीभूत रूप है| मन में यदि बुरे विचार आते हैं तो उनके विपरीत चिंतन करो| परमात्मा का निरंतर चिंतन सबसे अधिक सकारात्मक कार्य है जो हम कर सकते हैं| उपासक में उपास्य के गुण अवश्य आते हैं|
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संसार में सकारात्मक कार्य भी बहुत हो रहे हैं| सारे कार्य यदि नकारात्मक ही होते तो यह संसार अब तक नष्ट हो गया होता| प्रभु की कृपा से मेरा ऐसे अनेक लोगों से मिलना हुआ है जिन्होंने वह सर्वश्रेष्ठ शिक्षा पाई है जो यह वर्तमान सभ्यता दे सकती है, सारे अनुकूल अवसर उनके पास थे, और सारी भौतिक सुविधाएँ वे जुटा सकते थे, पर वे आध्यात्मिक साधना द्वारा बिना किसी अपेक्षा के धर्म का प्रचार प्रसार कर रहे हैं| भारत का भविष्य ऐसे ही साधक हैं|
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भारत का भविष्य उज्जवल है| असत्य और अन्धकार कि शक्तियाँ पराभूत होंगी और भारत एक आध्यात्मिक राष्ट्र बनेगा| अनेक लोग इसके लिए आध्यात्मिक साधना कर रहे हैं जिनकी साधना अवश्य सफल होगी|
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परमात्मा की सर्वश्रेष्ठ साकार अभिव्यक्तियाँ आप सब को नमन ! ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
१५ मार्च २०१६

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