Friday 4 August 2017

क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल है .......

क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल है .......
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दर्शन शास्त्र के एक बहुत बड़े विश्व विख्यात भारतीय विद्वान् भारत पर हुए चीनी आक्रमण के कुछ वर्षों उपरांत चीन गए थे और चीन के राष्ट्र प्रमुख माओ से मिले| उन्होंने माओ को भारतीय दर्शन .... वेदांत और गीता आदि की अनेक अच्छी अच्छी बातें बताईं| माओ ने सब बातें बड़े ध्यान से सुनी और तत्पश्चात दो प्रश्न किये जिनके उत्तर वे भारतीय विद्वान् कभी नहीं दे सके|
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माओ ने पहला प्रश्न किया कि १९४८ के भारत-पाक युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को हरा दिया था फिर भी अधिकांश कश्मीर पकिस्तान के कब्जे में क्यों है?
माओ का दूसरा प्रश्न था कि आप युद्ध में हम से पराजित क्यों हो गए थे? आपके आध्यात्म, दर्शन और धर्म की बड़ी बड़ी बातें किस काम आईं?
अंतिम बात माओ ने यह कही कि बहुत शीघ्र ही चीन भारत से अक्साचान (अक्साईचिन) छीन लेगा| भारत में हिम्मत है तो रोक कर दिखा दे|
चीन ने वह भी कर के दिखा दिया क्योंकि हम बलहीन थे|
(अब वर्त्तमान सरकार ने भारत को अपेक्षाकृत काफी शक्तिशाली बना दिया है इसलिए चीन सिर्फ धमकियाँ ही दे रहा है| युद्ध आरम्भ करने का उसका भी साहस नहीं हो रहा है|)
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हमारी विश्व शांति की बड़ी बड़ी बातें, बड़े बड़े उपदेश और झूठा दिखावा सब व्यर्थ हैं यदि हम बलहीन हैं|
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भारत पर यूनानी आकमण हुआ तब पौरुष से पराजित हुई यूनानी फौजें तब भाग खड़ी हुईं जब उन्हें पता चला कि मगध साम्राज्य की सेनाएं लड़ने आ रही हैं| फिर कई शताब्दियों तक किसी का साहस नहीं हुआ भारत की और आँख उठाकर देखने का|
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हम में यह गलत धारणा भर गई थी कि युद्ध करना सिर्फ क्षत्रियों का काम है| यदि पूरे भारत का हिन्दू समाज एकजुट होकर आतताइयों का सामना करता तो किसी का भी साहस नहीं होता हिन्दुस्थान की ओर आँख उठाकर देखने का|
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भारत में विधर्मी मत किसी संत महात्मा द्वारा नहीं आए थे| ये आये थे क्रूरतम आतंक और प्रलोभन द्वारा| हम सिर कटाते रहे और 'अहिंसा परमोधर्म' का जप करते रहे| समय के साथ हम अपनी मान्यताओं और सोच को नहीं बदल सके|
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वर्तमान में हम फिर संकट में हैं| हमें सब तरह के भेदभाव मिटाकर एक होना होगा और शक्ति-साधना करनी होगी, तभी हम अपना अस्तित्व बचा पाएंगे| अपने सोये हुए क्षत्रियत्व और ब्रह्मत्व को जागृत करना होगा|
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हिंदू धर्म ही नहीं बचेगा तो ये दर्शन और आध्यात्म की सब बातें निराधार हो जायेंगी| न तो साधू-संत रहेंगे, न ये बड़े बड़े उपदेशक और दार्शनिक| बचे खुचे हिन्दुओं को तो समुद्र में ही डूब कर मरना पडेगा| भारतवर्ष का ही अस्तित्व समाप्त हो जाएगा|
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इन सारे सेकुलर, माओपंथी, वाममार्गी, प्र्गतिवादी, समाजवादी, साम्यवादी, सर्वधर्मसमभाववादी, धर्मनिरपेक्षतावादी आदि आदि इन सब का अस्तित्व भी तभी तक है जब तक भारत में हिन्दू बहुमत है| जिस दिन हिन्दू अल्पमत में आ गए उस दिन इन सब का हाल भी वही होगा जो सीरिया और इराक में हाल ही में देखने को मिला था|
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धर्म की रक्षा धर्म के पालन से ही होती है, सिर्फ बातों से नहीं| धर्म की रक्षा हम नहीं करेंगे तो धर्म भी हमारी रक्षा नहीं करेगा|
सभी का कल्याण हो | भारत माता की जय | जय श्रीराम |ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
०२ अगस्त २०१७.

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