Wednesday 16 November 2016

मेरा काला धन ....

मेरा काला धन ....
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किसी मित्र ने आज मुझ से पूछा कि मेरे पास कितना काला धन है?
मेरा उत्तर था पाँच-छः बोरियों में खूब सारा काला धन घर के पिछवाड़े में पडा है जिसमें से आप चाहे जितना फ्री में ले सकते हैं|
उनकी उत्सुकता और अधिक बढ़ गई जब मैंने कहा कि काले धन को जलाकर मैं नित्य नहाने के लिए पानी गर्म करता हूँ|
उन्होंने देखने की इच्छा प्रकट की|
मैंने घर के पिछवाड़े में बोरियों में भरे कोयले और लकडियों को दिखाया कि यह ही मेरा काला धन है जो पानी गर्म करने के काम आता है|
पास में ही ईंटों पर रखे लोहे के जुगाड़ चुल्हे को देखकर वे समझ गए कि मैं लकडियाँ जलाकर नहाने का पानी गर्म करता हूँ और हर बार लकडियाँ बुझाने के पश्चात कुछ कोयले बच जाते हैं जिन्हें मैं काला धन कहता हूँ|
तो मित्रो, ये लकड़ियों के कोयले ही मेरा काला धन हैं|
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एक हज़ार और पाँच सौ के नोट बदलने के निर्णय से मुझे कोई शिकायत नहीं है| सिर्फ एक दिन छुट्टे रुपये न होने से थोड़ी देर के लिए मामूली सी असुविधा हुई|
राष्ट्रहित में यह निर्णय बहुत अच्छा हुआ है जिसका मैं पूर्ण समर्थन करता हूँ|
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मोदी जी सफल हुए तो निकट भविष्य में भारत में मुद्रा के रूप में नोटों का प्रयोग बहुत कम हो जाएगा और सारा लेन-देन बैंकों के माध्यम से ही होगा| यह एक बहुत बड़ी उपलब्धी होगी|

मेरा एक ही सुझाव है कि क्रेडिट या डेबिट कार्ड से सामान खरीदने पर कभी भी कोई सरचार्ज नहीं हो| अधिक से अधिक खरीददारी डेबिट कार्डों से हों|
प्रधान मंत्री मोदी जी को शुभ कामनाएँ| वे अपने उद्देश्य में सफल हों|

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