परमात्मा के लिए एक अभीप्सा यानि एक अतृप्त प्यास सदा ह्रदय में रहे .....
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परमात्मा की उपस्थिति का निरंतर आभास रहे| यही उपासना है| उपास्य के गुण उपासक में आये बिना नहीं रहते| परमात्मा की प्राप्ति की तड़प में समस्त इच्छाएँ विलीन हों और अचेतन मन में छिपी वासनाएँ नष्ट हों|
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परमात्मा को पाने की लगन होगी तो प्रकृति पूर्ण सहयोग करेगी| जब भी समय मिले भ्रूमध्य में पूर्ण भक्ति के साथ ध्यान कीजिये| निष्ठा और साहस के साथ हर बाधा को पार करें| अपने आप धीरे धीरे ध्यान का केंद्र सहस्त्रार हो जाएगा|
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परमात्मा से सिर्फ परमात्मा के लिए ही प्रार्थना करें| अन्य प्रार्थनाएँ महत्वहीन हैं| परमात्मा की शक्ति सदा हमारे साथ है| उससे जुड़कर ही हमारे शिव संकल्प पूर्ण हो सकते हैं|
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ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
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परमात्मा की उपस्थिति का निरंतर आभास रहे| यही उपासना है| उपास्य के गुण उपासक में आये बिना नहीं रहते| परमात्मा की प्राप्ति की तड़प में समस्त इच्छाएँ विलीन हों और अचेतन मन में छिपी वासनाएँ नष्ट हों|
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परमात्मा को पाने की लगन होगी तो प्रकृति पूर्ण सहयोग करेगी| जब भी समय मिले भ्रूमध्य में पूर्ण भक्ति के साथ ध्यान कीजिये| निष्ठा और साहस के साथ हर बाधा को पार करें| अपने आप धीरे धीरे ध्यान का केंद्र सहस्त्रार हो जाएगा|
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परमात्मा से सिर्फ परमात्मा के लिए ही प्रार्थना करें| अन्य प्रार्थनाएँ महत्वहीन हैं| परमात्मा की शक्ति सदा हमारे साथ है| उससे जुड़कर ही हमारे शिव संकल्प पूर्ण हो सकते हैं|
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ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
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