सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति .....
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परमात्मा को उपलब्ध होने की और उसे स्वयं के जीवन में अवतरित व व्यक्त करने की शाश्वत अभीप्सा ही सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति है|
उस अभीप्सा से ही समस्त गुण स्वयमेव खिंचे चले आते हैं|
यही सार है, बाकी सब निःसार है|
.
परमात्मा की सर्वश्रेष्ठ और सर्वाधिक अभिव्यक्ति भारतवर्ष में ही हुई है|
भारत का भविष्य सनातन हिन्दू धर्म पर निर्भर है, इस पृथ्वी का भविष्य भारत पर निर्भर है, और इस समस्त सृष्टि का भविष्य इस पृथ्वी पर निर्भर है चाहे भौतिक रूप से अनन्त कोटि ब्रह्मांडों में यह पृथ्वी नगण्य है|
धर्म विहीन सृष्टि का सम्पूर्ण विनाश सुनिश्चित है|
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परमात्मा को उपलब्ध होने की और उसे स्वयं के जीवन में अवतरित व व्यक्त करने की शाश्वत अभीप्सा ही सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति है|
उस अभीप्सा से ही समस्त गुण स्वयमेव खिंचे चले आते हैं|
यही सार है, बाकी सब निःसार है|
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परमात्मा की सर्वश्रेष्ठ और सर्वाधिक अभिव्यक्ति भारतवर्ष में ही हुई है|
भारत का भविष्य सनातन हिन्दू धर्म पर निर्भर है, इस पृथ्वी का भविष्य भारत पर निर्भर है, और इस समस्त सृष्टि का भविष्य इस पृथ्वी पर निर्भर है चाहे भौतिक रूप से अनन्त कोटि ब्रह्मांडों में यह पृथ्वी नगण्य है|
धर्म विहीन सृष्टि का सम्पूर्ण विनाश सुनिश्चित है|
ॐ नमः शिवाय ! ॐ ॐ ॐ ||
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