Thursday 1 September 2016

प्रधान मंत्री की जापान यात्रा :---

भारत के प्रधानमंत्री ने तोजी और किन्कौजी नाम के दो प्रसिद्ध जापानी बौद्ध मंदिरों का भ्रमण किया|
मुझे गर्व होता है ईसा की छठी शताब्दी में भारत से जापान गए बोधिधर्म नाम के एक धर्म प्रचारक का जिसने जापान में बौद्ध धर्म के जिस रूप (झेन) का प्रचार प्रसार किया वह बारह शताब्दियों तक वहाँ का राजधर्म रहा| बोधिधर्म पहिले चीन गए और वहाँ हुनान प्रांत के प्रसिद्द शाओलिन मन्दिर में कुछ समय तक रहे और फिर जापान जाकर झेन बौद्ध धर्म का प्रचार किया|
"झेन" शब्द संस्कृत के "ध्यान" शब्द का अपभ्रंस है जो चीन में "चेन" और जापान में "झेन" हुआ|
उनसे लगभग पाँच सौ वर्ष पूर्व ही सन 0067 ई. में चीन गये कश्यपमातंग और धर्मारण्य नाम के दो धर्मप्रचारकों ने पूरे चीन में बौद्ध धर्म फैला दिया था|
भारत को आज फिर आवश्यकता है ऐसे धर्म प्रचारकों की जो अपने आचरण और आत्मबल से पूरे विश्व में धर्मप्रसार कर सकें|

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