फेसबुक और उससे प्राप्त संतुष्टि ....
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मैं फेसबुक पर जिस उद्देश्य से आया था उस उद्देश्य को प्राप्त करने में पूर्ण रूप से सफल रहा हूँ और मुझे इस मंच से पूर्ण संतुष्टि है| मेरे अंतस में एक सुप्त कामना थी स्वयं को व्यक्त करने की, जो पूर्णरूपेण सफल रही है| इसके अतिरिक्त फेसबुक पर मुझे देश-विदेश के बड़े अद्भुत और ऐसे ऐसे आश्चर्यजनक मित्र मिले हैं जिनकी मैं अन्यथा कल्पना भी नहीं कर सकता था|
यह तो तब है जब कि मैं किसी भी तरह की chatting नहीं करता| फेसबुक को भी अब कम समय दे रहा हूँ और अन्य किसी भी social site पर नहीं हूँ| whatsapp आदि पर जाने की भी कोई कामना नहीं है|
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मैं अपने सभी मित्रों को नमन करता हुआ किसी का नाम विशेष तो नहीं लूँगा पर संकेत अवश्य करूंगा| मुझे मेरी रूचि के देश-विदेश के अनेक आध्यात्मिक मित्र मिले जिनसे बहुत अधिक प्रेरणा मिली है| अनेक शास्त्रज्ञ विद्वानों से परिचय और घनिष्ठता हुई जिनसे अन्यथा मिलना संभव ही नहीं था| उनसे विचार विमर्श और चर्चा कर के पूर्ण संतुष्टि मिली| मुझे उनसे बहुत अधिक बौद्धिक और मानसिक सहायता भी मिली जिसे मैं उपलब्धि मानता हूँ| बौद्धिक धरातल पर कई शंकाएं थीं वे भी दूर हुईं|
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सबसे बड़ी सफलता तो यह मिली कि फेसबुक मेरे लिए अब एक सत्संग का माध्यम बन गया है| बड़ा अच्छा सत्संग हो रहा है|
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आप सब में हृदयस्थ प्रभु को प्रणाम | ॐ नमः शिवाय | ॐ ॐ ॐ ||
२७ दिसंबर २०१५
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