Monday 21 February 2022

तृतीय विश्व युद्ध की आहट हो रही है ---

 तृतीय विश्व युद्ध की आहट हो रही है। चाहे सारा ब्रह्मांड टूट कर बिखर जाये, भय की कोई बात नहीं है। कुछ भी हो सकता है, घबराएँ नहीं। भगवान सदा हमारे साथ हैं। हम अपने धर्म पर अडिग रहें। थोड़े-बहुत धर्म का पालन भी हमारी रक्षा करेगा। भगवान कहते हैं --

"नेहाभिक्रमनाशोऽस्ति प्रत्यवायो न विद्यते।
स्वल्पमप्यस्य धर्मस्य त्रायते महतो भयात्॥२:४०॥"
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अति भयावह वन की घोर अंधकारमय निशा में जब सिंहनी भयानक गर्जना करती है तब सारा वन कांप उठता है। उस डरावने वातावरण में विकराल सिंहनी के समीप खड़ा सिंह-शावक क्या भयभीत होता है? यहाँ जगन्माता स्वयं प्रत्यक्ष हमारे समक्ष खड़ी हैं। उनको अपने हृदय का सर्वश्रेष्ठ प्रेम दें। हमारी रक्षा होगी।
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"क्या हार में क्या जीत में किंचित नहीं भयभीत मैं
तिल-तिल मिटूँगा पर दया की भीख मैं लूँगा नहीं
वरदान माँगूँगा नहीं
चाहे हृदय को ताप दो चाहे मुझे अभिशाप दो
कुछ भी करो कर्तव्य पथ से किंतु भागूँगा नहीं
वरदान माँगूँगा नहीं"
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ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२१ फरवरी २०२२

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