Sunday 21 November 2021

जब से भगवान से प्रेम हुआ है ---

 

जब से भगवान से प्रेम हुआ है, तब से मुक्ति और मोक्ष - दोनों ही महत्वहीन हो गए हैं। सारे बंधन भगवान ने तोड़ दिये हैं। आत्मा नित्यमुक्त है।
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यहाँ तो राधा और गोविंद दोनों ही प्रकृति और पुरुष के रूप में नृत्य कर रहे हैं, जिससे यह सृष्टि गतिशील है। जिसने इस समस्त सृष्टि को धारण कर रखा है, वे श्रीराधा जी हैं। वे भगवान से प्रेम की उच्चतम अभिव्यक्ति हैं। वे स्वयं ही परमप्रेम हैं। यहाँ तो पुरुष और प्रकृति दोनों ही साथ साथ नृत्य कर रहे हैं। उनके नृत्य का मैं साक्षी मात्र हूँ।
राधे गोविंद जय राधे राधे, राधे गोविंद जय राधे राधे
राधे गोविंद जय राधे राधे, राधे गोविंद जय राधे राधे
पुरुष और प्रकृति नाचे साथ साथ
राधे गोविंद जय राधे राधे, राधे गोविंद जय राधे राधे
राधे गोविंद जय राधे राधे, राधे गोविंद जय राधे राधे
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२१ नवंबर २०२१

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