Wednesday, 17 November 2021

मेरा जीवन पूरी तरह परमात्मा को समर्पित हो ---

आजकल जीवन बड़ा जटिल और कठिन हो गया है। किसी पर भी विश्वास नहीं कर सकते। जिन्हें हम आदरणीय आत्मीय समझते हैं, वे ही विश्वासघात कर जाते हैं। हम स्वयं शक्तिशाली बनें, किसी भी तरह की कमजोरी हमारे में न हो। भगवान भी उसी की रक्षा करते हैं, जो स्वयं की रक्षा करते हैं। जो कुछ भी मैं लिख रहा हूँ, वह स्वयं के लिए ही लिख रहा हूँ, ताकि सचेत रहूँ।

मेरा जीवन पूरी तरह परमात्मा को समर्पित हो। राग-द्वेष, लोभ और अहंकार से ऊपर उठकर निरंतर परमात्मा की चेतना में रहूँ। जो भी सर्वश्रेष्ठ गुण हैं, वे मुझ में जागृत हों।
सबका कल्याण हो, सब सुखी रहें, कोई भूखा, बीमार या दरिद्र न रहे। सब में पारस्परिक सद्भाव और प्रेम हो। सब में प्रभु के प्रति परम प्रेम जागृत हो।
ॐ विश्वानि देव सवितर्दुरितानि परा सुव। यद् भद्रं तन्न आ सुव॥
ॐ शांति शांति शांतिः॥
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ॐ तत्सत् !!
कृपा शंकर
१८ नवंबर २०२१

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