Tuesday 7 September 2021

भाद्रपद अमावस्या को मेरा जन्मदिवस है ---

 

"वासुदेवं प्रत्यगात्मानं प्रत्यक्षतः प्रपद्यते। वासुदेवः सर्वम् इति। ॐ ॐ ॐ"
.
आज का दिन मेरे लिए विशेष है। आज भाद्रपद अमावस्या है -- हिन्दी तिथि के अनुसार, लोकयात्रा निमित्त मिले हुए इस शरीर रूपी वाहन के इस पृथ्वी पर अवतरण का दिन। मेरे लौकिक परिवार के सदस्य इसी दिन मनाते हैं। अंग्रेजी दिनांक के अनुसार ३ सितंबर को मेरी जन्मतिथि थी, उस दिन मुझे सैंकड़ों
बधाई
संदेश मिले थे।
.
मुझे किसी भी तरह का
अभिनंदन
या
बधाई
संदेश मत भेजिये। सिर्फ कुछ क्षण परमात्मा की याद कर लीजिये, जिनको यह आत्मा समर्पित है। मैं यह शरीर नहीं हूँ। मैं अनंत और शाश्वत आत्मा हूँ, जो परमशिव को समर्पित है। मेरी आयु शाश्वतता है। मेरा कोई जन्म या मृत्यु नहीं है, वे तो इस शरीर के धर्म हैं।
.
गीता में भगवान कहते हैं --
"वासांसि जीर्णानि यथा विहाय नवानि गृह्णाति नरोऽपराणि।
तथा शरीराणि विहाय जीर्णान्यन्यानि संयाति नवानि देही॥२:२२॥"
"नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः॥२:२३॥"
अच्छेद्योऽयमदाह्योऽयमक्लेद्योऽशोष्य एव च।
नित्यः सर्वगतः स्थाणुरचलोऽयं सनातनः॥२:२४॥"
.
आप में व्यक्त हो रहे परमात्मा को नमन !! ॐ तत्सत् !!
कृपा शंकर
७ सितंबर २०२१


1 comment:

  1. ग्रेगोरियन कलेंडर के अनुसार ३ सितंबर को मेरा (इस शरीर महाराज का) जन्मदिवस है। खेद है कि धर्मपत्नी की अस्वस्थता के कारण मुझे कल भोर में ही उन्हें जयपुर ले जाना पड़ रहा है। पूरी बात आने के बाद लिखूंगा।
    .
    इस देह का जन्म भाद्रपद अमावस्या को हुआ था जिस दिन राणी सती का मेला भरता है। आज तक इस जीवन में सारे जन्मदिन मैंने हिन्दी तिथि के अनुसार भाद्रपद अमावस्या को ही मनाए हैं। उस दिन तो झुंझुनूं में ही रहूँगा।
    .
    आध्यात्मिक रूप से मेरी आयु एक ही है, और वह है -- Infinity, यानि अनंतता। जन्म और मृत्यु इस शरीर के धर्म हैं, मैं शाश्वत जीवात्मा हूँ, जिसका न कोई जन्म है और न कोई मृत्यु।

    ReplyDelete