Tuesday, 20 November 2018

राम नाम की महिमा :---

राम नाम की महिमा :---
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"बंदउँ नाम राम रघुवर को। हेतु कृसानु भानु हिमकर को॥
बिधि हरि हरमय बेद प्रान सो। अगुन अनूपम गुन निधान सो॥
महामंत्र जोइ जपत महेसू। कासीं मुकुति हेतु उपदेसू॥
महिमा जासु जान गनराउ। प्रथम पूजिअत नाम प्रभाऊ॥
जान आदिकबि नाम प्रतापू। भयउ सुद्ध करि उलटा जापू॥
सहस नाम सम सुनि सिव बानी। जपि जेई पिय संग भवानी॥
हरषे हेतु हेरि हर ही को। किय भूषन तिय भूषन ती को॥
नाम प्रभाउ जान सिव नीको। कालकूट फलु दीन्ह अमी को॥"
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"राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे| सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने||"
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"विष्णोरेकैकनामानि सर्ववेदाधिकं मतम्| तादृङ् नामसहस्रेण रामनाम समं मतम्||"
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"रमन्ते योगिनोSनन्ते सत्यानन्दे चिदात्मनि| इति रामपदेनासौ परम् ब्रह्माभिधीयते||"
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"र" अग्निबीज है जो शोक, मोह, और कर्मबंधनों का दाहक है|
"आ" सूर्यबीज है जो ज्ञान का प्रकाशक है|
"म" चंद्रबीज है जो मन को शांति व शीतलता दायक है|
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"राम" नाम और "ॐ" का महत्व एक ही है| "राम" नाम तारक मन्त्र है, और "ॐ" अक्षर ब्रह्म है| दोनों का फल एक ही है|
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राम राम राम !!

1 comment:

  1. मैं उन सभी आचार्यों की वन्दना करता हूँ जिनकी परम कृपा और प्रेरणा से मेरे हृदय में परमात्मा के प्रति परम प्रेम जागृत हुआ है| जब भी आवश्यकता होती है तब समय समय पर परमात्मा किसी न किसी माध्यम से अपना परम प्रेम फिर से जगा देते हैं| जिस भी क्षण परमात्मा की याद आती है, वह क्षण जीवन का सर्वश्रेष्ठ क्षण होता है| सारी तृप्ति व संतुष्टि परमात्मा में ही है| हृदय की घनीभूत पीड़ा उन्हीं में शांत होती है| सारा अस्तित्व वे ही हैं, स्वयं के कुछ होने का भाव एक भ्रम ही है| उन से पृथकता अब संभव नहीं है|

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