धर्मांतरण करने वाले सैंट व फादरों से सावधान .....
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आजकल हिन्दुओं का धर्मांतरण करने और हिन्दुओं को भ्रमित करने बहुत सारे देशी-विदेशी सैंट लोग (Saint) साधू-संत के वेश में भांड/बहुरुपिये, भारत में घूम रहे हैं, अपने विद्यालय खोल रहे हैं, सेवा के दिखावे कर रहे हैं, व और भी अनेक फर्जी कार्य कर रहे हैं | उनके प्रभाव में न आयें |
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हमारी आस्था को खंडित करने वाला, हमारा धर्मांतरण करने वाला, हमारी जड़ें खोदने वाला, और हमारी अस्मिता पर मर्मान्तक प्रहार करने वाला कोई व्यक्ति कभी संत नहीं हो सकता है | आँख मींच कर किसी को संत ना मानें चाहे सरकार, समाज या दुनिया उसे संत कहती हो| संतों में कुटिलता का अंशमात्र भी नहीं होता ...... संत जैसे भीतर से हैं, वैसे ही बाहर से होते है| उनमें छल-कपट नहीं होता | संत सत्यनिष्ठ होते हैं ...... चाहे निज प्राणों पर संकट आ जाए, संत किसी भी परिस्थिति में झूठ नहीं बोलेंगे | रुपये-पैसे माँगने वे चोर-बदमाशों के पास नहीं जायेंगे| वे पूर्णतः परमात्मा पर निर्भर होते हैं | संत समष्टि के कल्याण की कामना करते हैं, न कि सिर्फ अपने मत के अनुयायियों की | उनमें प्रभु के प्रति अहैतुकी प्रेम लबालब भरा होता है | उनके पास जाते ही कोई भी उस दिव्य प्रेम से भर जाता है |
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आजकल हिन्दुओं का धर्मांतरण करने और हिन्दुओं को भ्रमित करने बहुत सारे देशी-विदेशी सैंट लोग (Saint) साधू-संत के वेश में भांड/बहुरुपिये, भारत में घूम रहे हैं, अपने विद्यालय खोल रहे हैं, सेवा के दिखावे कर रहे हैं, व और भी अनेक फर्जी कार्य कर रहे हैं | उनके प्रभाव में न आयें |
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हमारी आस्था को खंडित करने वाला, हमारा धर्मांतरण करने वाला, हमारी जड़ें खोदने वाला, और हमारी अस्मिता पर मर्मान्तक प्रहार करने वाला कोई व्यक्ति कभी संत नहीं हो सकता है | आँख मींच कर किसी को संत ना मानें चाहे सरकार, समाज या दुनिया उसे संत कहती हो| संतों में कुटिलता का अंशमात्र भी नहीं होता ...... संत जैसे भीतर से हैं, वैसे ही बाहर से होते है| उनमें छल-कपट नहीं होता | संत सत्यनिष्ठ होते हैं ...... चाहे निज प्राणों पर संकट आ जाए, संत किसी भी परिस्थिति में झूठ नहीं बोलेंगे | रुपये-पैसे माँगने वे चोर-बदमाशों के पास नहीं जायेंगे| वे पूर्णतः परमात्मा पर निर्भर होते हैं | संत समष्टि के कल्याण की कामना करते हैं, न कि सिर्फ अपने मत के अनुयायियों की | उनमें प्रभु के प्रति अहैतुकी प्रेम लबालब भरा होता है | उनके पास जाते ही कोई भी उस दिव्य प्रेम से भर जाता है |
ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ ||
कृपा शंकर
२६ अक्तूबर २०१८
कृपा शंकर
२६ अक्तूबर २०१८
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