Thursday, 25 October 2018

शरद पूर्णिमा .....

शरद पूर्णिमा पर आप सब का अभिनंदन ! इस दिन बालक भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों के साथ महारास रचा था| उस समय उनकी आयु आठ-नौ वर्ष की थी| इस के पश्चात तो अध्ययन के लिए उन्हें गुरुकुल भेज दिया गया था| राजस्थान के कुछ भागों में हनुमान जी के मंदिरों में विशेष आराधना होती है और उत्सव मनाया जाता है|

शरदपूर्णिमा की चांदनी रात में रखी खीर को सुबह भोग लगाने का विशेष रूप से महत्व है| मान्यता है कि शरद पूर्णिमा का चांद सम्पूर्ण १६ कलाओं से युक्त होकर रात भर अमृत की वर्षा करता है| ऐसी भी मान्यता है कि माँ लक्ष्मी इस रात्रि में भ्रमण करती हैं और उन्हें जागरण व आराधना करता हुआ कोई मिलता है तो उस पर कृपा करती हैं|

२४ अक्टूबर २०१८

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