Friday, 13 July 2018

आचार्यवान् पुरुषो वेद .....

श्रुति भगवती कहती है ..... "आचार्यवान् पुरुषो वेद" .... अर्थात् आचार्य (गुरु) को प्राप्त व्यक्ति ही परमात्मा को जान सकता है| (छान्दोग्योपनिषद्-६/१४/२)

आज से पंद्रह दिन बाद गुरु-पूर्णिमा आ रही है| उस की अभी से तैयारी करनी आरम्भ करें| गुरुरूप परब्रह्म परमशिव का ध्यान ही मेरे लिए गुरु की सेवा और गुरुवचनों का पालन है| भगवान से यही प्रार्थना करता हूँ कि मार्ग में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करें|

ॐ शिव ! ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
१२ जुलाई २०१८

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