Tuesday 12 June 2018

भारत-चीन सीमा विवाद, भारत की रक्षा व्यवस्था, भारत में सुराज और भारत का आत्म-सम्मान ......

भारत-चीन सीमा विवाद, भारत की रक्षा व्यवस्था, भारत में सुराज और भारत का आत्म-सम्मान ......
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भारत-चीन सीमा विवाद एक अत्यधिक जटिल समस्या है जिसे एक सामान्य नागरिक नहीं समझ सकता| चीन का राजनीतिक नेतृत्व भी चाहे तो किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँच सकता| दोनों ओर से जन-भावनाएँ अति प्रबल हैं| अपने अपने आत्म-सम्मान के साथ इस समस्या को सुलझाना अति कठिन है| हमारे से भी बड़ी भयंकर भूलें हुई हैं जिन के कुप्रभाव को मिटाना असंभव है| चीन के लिए भी पीछे हटना असम्भव ही है| पर एक उम्मीद है| अगर दोनों देशों के दो महान नेता सद्भावना से मिलकर समस्या को सम्मानपूर्वक निपटाना चाहें तो निपटा सकते हैं| वर्तमान में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपती श्री शी जिनपिंग दोनों में बड़ी सदभावना है और दोनों ही चाहते हैं कि इस समस्या का शांतिपूर्ण समाधान हो| वे प्रयास भी कर रहे हैं|
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मैं तो इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूँ कि इस समस्या का समाधान इन दो महान नेताओं के अतिरिक्त अन्य किसी के वश की बात नहीं है| तिब्बत में सामान्य स्थिति लाना, तिब्बती शरणार्थियों व दलाई लामा को बापस ससम्मान तिब्बत भेजना .... यह कार्य भी ये दोनों नेता ही कर सकते हैं| इसके अतिरिक्त तिब्बत से आने वाली नदियों के जल पर भी कोई समझौता भी ये दोनों नेता ही कर सकते हैं|
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भारत की रक्षा व्यवस्था को इतना सुदृढ़ करना, भारत में सुराज लाने का ईमानदारी से प्रयास और भारत का आत्म-सम्मान पुनर्स्थापित करने का श्रेय मैं प्रधान मंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी और उनकी टीम को देता हूँ| भारत का गौरव उन्होंने पूरे विश्व में बढ़ाया है|
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मैं पूरी निष्ठा से भगवान से प्रार्थना करता हूँ कि २०१९ के आम चुनावों में वे सम्पूर्ण बहुमत के साथ विजयी बन कर आयें और भारत माता को परम वैभव प्रदान करें| मैं सदा उनकी विजय के लिए भगवान से प्रार्थना करूँगा|
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ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
११ जून २०१८

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