Monday 26 March 2018

आध्यात्मिक होली पंचमुखी महादेव के साथ .......

आध्यात्मिक होली पंचमुखी महादेव के साथ .......
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गहन ध्यान में अपनी प्राण चेतना को मेरुदंड में सुषुम्ना के माध्यम से मेंरुशीर्ष तक ले आयें| अपना ध्यान कूटस्थ केंद्र पर रखें| साधना में प्रगति के अनुसार कूटस्थ केंद्र भ्रूमध्य में भी हो सकता है, या सहस्त्रार में या सहस्त्रार से ऊपर भी हो सकता है| कुछ देर में अनेक प्रकार के आध्यात्मिक रंग और ध्वनियाँ सुनने लगेंगी| सबसे तीब्र ध्वनी को सुनिए और मानसिक रूप से ॐ ॐ ॐ का जप करते रहें| "चारूस्थितं सोमकलावतंशं वीणाधरं व्यक्तजटाकलापं| उपासते केचन योगिनस्तन् उपात्तनादानुभव प्रमोदं|| (दक्षिणामूर्ति स्तोत्र) यही नादानुसंधान है|
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उन आध्यात्मिक रंगों के साथ होली खेलिए| धीरे धीरे एक स्वर्णिम और तत्पश्चात नीली आभा को भेदकर हमें एक विराट श्वेत ज्योति के दर्शन होंगे जो एक श्वेत पञ्चकोणीय नक्षत्र में परिवर्तित हो जायेगी| ये ही पंचमुखी महादेव हैं| अपने सम्पूर्ण अस्तित्व को उनमें समर्पित कर दो| हमारा कोई पृथक अस्तित्व नहीं है| आध्यात्मिक ध्वनियाँ प्रणव नाद में परिवर्तित हो जायेंगी| उनका आनंद लीजिये| यही वास्तविक आनंद है|
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जहाँ अहंकार जागृत हो जाए वह हिरण्यकशिपू की चेतना है| अपनी परम प्रेम रूपा भक्ति यानि प्रहलाद को उस अहंकार रुपी हिरण्यकशिपू से बचाइये और अपने परम शिव चैतन्य में रहिये|
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ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२७ मार्च २०१३

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