Wednesday 3 January 2018

जातिवादी भावनाएँ भड़काने वालों से बचें .....

जातिवादी भावनाएँ भड़काने वालों से बचें  .....

देश में कई स्थानों पर जातिवादी भावनाएँ भड़का कर दंगे कराने का प्रयास किया जा रहा है| इस के पीछे चुनाव में हारे राजनेताओं व दलों का हाथ लगता है| यह जातिवाद देश में एक विष घोल रहा है| इस से बचने का एकमात्र उपाय यही है कि सभी सरकारी कागजों पर जाति के उल्लेख पर स्थायी प्रतिबन्ध लगा दिया जाए| ये दंगे भड़काने वाले कौन लोग हैं, इनकी पहिचान कर इन्हें दण्डित किया जाए| क्या सरकार यह पता नहीं कर सकती कि इन के पीछे कौन हें, व कहाँ से इन्हें पैसा मिल रहा है?
कम्युनिस्ट लोग भी किसान आन्दोलन के नाम पर जातिगत जहर घोल रहे हैं| जातिवाद के नाम पर सता में आने के प्रयास देश में कहीं एक गृह युद्ध नहीं आरम्भ करवा दें| क्या जातिवाद पर आधारित राजनीतिक दलों पर प्रतिबन्ध नहीं लगाया जा सकता ?
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जिस तरह से देश में जातिगत भावनाएँ भड़का कर वर्ग-संघर्ष का प्रयास कराया जा रहा है वह बड़ा खतरनाक है| इस से गृहयुद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है| वर्ग-सहयोग हमारा आदर्श है, न कि वर्ग-संघर्ष| मार्क्सवादियों के खूनी हाथ का सबसे बड़ा अस्त्र ... वर्ग-संघर्ष है, जो अब कांग्रेस का अस्त्र बन रहा है|
समय रहते ही इसे कुचल देना चाहिए अन्यथा यह देश के लिए बड़ा घातक होगा| भारत का श्रुतिसम्मत परम आदर्श समष्टिवाद है, न कि अन्य कुछ और|
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सन २०१९ में होने वाले चुनावों तक का समय देश के लिए बड़ा महत्वपूर्ण है| २०१९ के आम चुनावों में राष्ट्रवादियों का सता में आना बहुत अनिवार्य है| सता में वे ही लोग आने चाहिएँ जो राष्ट्र की आकांक्षाओं को समझते हैं, न कि कांग्रेसी, जातिवादी, सेकुलर या वामपंथी जो भारत की अस्मिता के विरुद्ध हैं|
पूरे देश को जाति के नाम पर तोड़ कर कांग्रेस २०१९ का चुनाव जितना चाहती है| हर कदम पर हमें कांग्रेस का विरोध करना होगा|
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वर्तमान परिस्थिति में समय की आवश्यकता धर्म प्रचार की है| परमात्मा से प्रेम, ध्यान साधना, धर्म के लक्षणों के ज्ञान, अपने सनातन धर्म और संस्कृति पर स्वाभिमान आदि से धर्म प्रचार होगा| हम अपने निज जीवन में भी गीता में बताये हुए स्वधर्म का पालन करें| इसी से धर्म की रक्षा होगी|
धर्म-निरपेक्षता यानि सेकुलरिज्म के नाम पर झूठा इतिहास पढ़ाकर हिन्दुओं में आत्महीनता का बोध उत्पन्न किया गया है| दुर्भाग्य से आज के अधिकांश हिन्दू युवा वर्ग को अपने धर्म का ज्ञान ही नहीं है|
मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाला समय सत्य सनातन धर्म का ही होगा| 

ॐ तत्सत्  !   ॐ ॐ ॐ  !!

1 comment:

  1. वर्तमान परिस्थिति में समय की आवश्यकता धर्म प्रचार की है| परमात्मा से प्रेम, ध्यान साधना, धर्म के लक्षणों के ज्ञान, अपने सनातन धर्म और संस्कृति पर स्वाभिमान आदि से धर्म प्रचार होगा| हम अपने निज जीवन में भी गीता में बताये हुए स्वधर्म का पालन करें| इसी से धर्म की रक्षा होगी|

    धर्म-निरपेक्षता यानि सेकुलरिज्म के नाम पर झूठा इतिहास पढ़ाकर हिन्दुओं में आत्महीनता का बोध उत्पन्न किया गया है| दुर्भाग्य से आज के अधिकांश हिन्दू युवा वर्ग को अपने धर्म का ज्ञान ही नहीं है|

    मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाला समय सत्य सनातन धर्म का ही होगा|
    ॐ ॐ ॐ !!

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