Wednesday 3 January 2018

मेरे लिए फेसबुक एक सत्संग का माध्यम है .....

मेरे लिए फेसबुक सिर्फ एक सत्संग का माध्यम है| परमात्मा पर गहरा ध्यान और हरि-चिंतन ही मेरा मनोरंजन है| मैं अपने जीवन से पूर्ण संतुष्ट, प्रसन्न और सुखी हूँ| किसी से भी कोई शिकायत नहीं है| बौद्धिक व आध्यात्मिक धरातल पर किसी भी तरह की कोई शंका या संदेह मुझे नहीं है| मेरी जितनी पात्रता है, उस से भी बहुत ही अधिक परमात्मा की पूर्ण कृपा मुझ पर है|
मैं स्वभाववश अधिकांशतः एकांत में ही रहता हूँ, गिने चुने बहुत ही कम लोगों से मिलना-जुलना होता है| सत्संग के उद्देश्य से ही कहीं आता-जाता हूँ| बेकार की गपशप और अनावश्यक बातों की आदत नहीं है| ७० वर्ष की आयु के कारण शरीर में भी अधिक भागदौड़ की क्षमता नहीं है| जिस उपनगर में रहता हूँ वह भी नगर के मुख्य केंद्र से बहुत दूर है| आध्यात्म और राष्ट्रवाद के अतिरिक्त अन्य किसी विषय पर मैं बात नहीं करता| आत्म-साक्षात्कार के अतिरिक्त जीवन में कोई अपेक्षा या कामना नहीं रही है|
आप सब मेरी निजात्माएँ हैं| आप सब को नमन| ॐ ॐ ॐ !!

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