Saturday 30 September 2017

सभी हिन्दुओं के लिए एक सर्वमान्य मूलभूत साधना पद्धति क्या हो सकती है ? ....

सभी हिन्दुओं के लिए एक सर्वमान्य मूलभूत साधना पद्धति क्या हो सकती है ?
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मेरे विचार से .... (१) सूर्य नमस्कार व्यायाम, (२) अनुलोम-विलोम प्राणायाम, (३) गायत्री मन्त्र का जप, और (४) ओंकार पर ध्यान, ...... ये सर्वमान्य हो सकते हैं. इन पर कोई विवाद नहीं है.
जैसे एक सामान्य नागरिक संहिता की बात कही जाती है, वैसे ही सामान्य मूलभूत साधना पद्धति भी सभी हिन्दुओं की होनी चाहिए.
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भारत में जितने भी मत-मतान्तरों और पंथों का जन्म हुआ है, उनमें ये तथ्य सर्वमान्य हैं .....
(१) आत्मा की शाश्वतता, (२) पुनर्जन्म, और (३) कर्म फलों का सिद्धांत |
इनकी तरह सभी भारतीय साधना पद्धतियों में भी अनेक समानताएँ हैं जिन पर बिना किसी पूर्वाग्रह के विचार विमर्श कर के हमें समान बिन्दुओं को निर्धारित कर एक सर्वमान्य मूलभूत साधना पद्धति का भी निर्णय करना चाहिए| यह कार्य सभी धर्माचार्य ही मिलकर कर सकते हैं|
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कुछ सामान बिंदु हैं जिनका कोई विरोध नहीं है, जैसे .....
(१) हठयोग के आसन, प्राणायाम आदि |
(२) जप, कीर्तन और ध्यान |
जिस तरह एक सामान्य नागरिक संहिता की बात कही जाती है, उसी तरह एक सामान्य मूलभूत साधना पद्धति भी सभी हिन्दुओं की होनी ही चाहिए |

ॐ ॐ ॐ !!

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